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    नोटबंदी में 450 करोड़ के पुराने नोट देकर खरीदी शुगर मिल, जयललिता की करीबी शशिकला पर गंभीर आरोप

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 11:30 PM (IST)

    तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता की करीबी वीके शशिकला एक नए मामले में आरोपित हैं। सीबीआई ने नोटबंदी के दौरान 450 करोड़ के पुराने नोटों से कांचीपुरम स्थित चीनी मिल खरीदने के मामले में एफआईआर दर्ज की है। ये भी जांच हो रही है कि कहीं बेनामी संपत्ति में निवेश तो नहीं किया गया है।

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    शुगर मिल को आयकर विभाग ने अटैच कर रखा है (फोटो: पीटीआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता की करीबी रहीं वीके शशिकला एक नए मामले में आरोपित बनाई गई हैं। सीबीआई ने उनके खिलाफ नोटबंदी के दौरान साल 2016 में 450 करोड़ के पुराने नोटों से कांचीपुरम स्थित चीनी मिल खरीदने के मामले में एफआईआर दर्ज की है।

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    ये भी छानबीन की जा रही है कि कहीं मुखौटा कंपनियों या बेनामी संपत्ति में निवेश तो नहीं किया गया है। बता दें कि चीनी मिल को आयकर विभाग ने भी बेनामी घोषित कर रखा है। सीबीआई ने मद्रास हाई कोर्ट के निर्देश पर पदमादेवी शुगर्स लिमिटेड (पीएसएल) पर कथित तौर पर इंडियन ओवरसीज बैंक (आइओबी) को 120 करोड़ का नुकसान कराने के आरोप में धोखाधड़ी का मुकदमा दायर किया था।

    450 करोड़ नकद देकर खरीदी मिल

    खाते को 2020 में फ्रॉड घोषित किया गया था। इसमें शशिकला आरोपित नहीं हैं। एफआईआर के मुताबिक पीएसएल की जिस शुगर फैक्ट्री (पूर्व नाम एसवी शुगर मिल्स) को बंधक रखा गया था, उसे बेनामी संपत्ति लेनदेन कानून के तहत आयकर विभाग ने अटैच कर रखा है। 2017 के एक मामले में शशिकला के ठिकानों पर आयकर विभाग के छापे में मिले दस्तावेजों में नोटबंदी के दौरान 450 करोड़ नकद देकर उक्त चीनी मिल को खरीदे जाने का पता चला था।

    ये चीनी मिल पटेल ग्रुप से ली गई थी। बैंक ने सीबीआई को दी शिकायत में इसका उल्लेख किया था। एफआईआर में ये शिकायत भी शामिल कर दी गई है। बैंक ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि पीएसएल के वित्तीय मामलों को देखनेवाले प्रभात ग्रुप के प्रभारी हितेश शिवगण पटेल ने शपथपत्र दिया है कि कांचीपुरम स्थित चीनी मिल के लिए उनको 450 करोड़ रुपये पुराने नोटों के रूप में मिले हैं। समझौता पत्र में हितेश शिवगण पटेल, उनके पिता शिवगण पटेल और भाई दिनेश पटेल के भी हस्ताक्षर हैं।

    आयकर विभाग ने चीनी मिल के मूल शेयर प्रमाणपत्र, समझौता पत्र और पटेल ग्रुप की इकाइयों को जब्त कर लिया था। कर विभाग ने इस मिल को बेनामी संपत्ति घोषित किया था क्योंकि 450 करोड़ रुपये मिलने के बावजूद मिल पटेल ग्रुप के पास ही थी, जबकि असली लाभार्थी शशिकला थीं। जुलाई 2025 में जांच अपने हाथ में लेने के बाद सीबीआइ ने कंपनी निदेशकों के खिलाफ तमिलनाडु में छह ठिकानों पर छापे मारे थे।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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