550 से अधिक रियासतें, एक मजबूत राष्ट्र का सपना... सरदार पटेल ने अदम्य साहस और धैर्य का दिया था प्रमाण
सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारत को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राष्ट्रीय एकता दिवस उनकी 150वीं जयंती पर मनाया जाएगा। उन्होंने 550 से अधिक रियासतों को भारत में विलय करने में अपनी दूरदर्शिता और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया। अखिल भारतीय सेवाओं की स्थापना और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी उनकी विरासत के प्रतीक हैं। यह दिन हमें उनके एकता, सेवा और नागरिकों के अधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता की याद दिलाता है।

जयंतो एन. चौधरी। सरदार वल्लभभाई पटेल ने स्वतंत्र भारत में केवल तीन वर्ष ही बिताए, परंतु उनके योगदान की छाप आज भी अमिट है। 31 अक्टूबर 2025 को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय एकता दिवस उनके 150वें जन्म वर्ष का प्रतीक है — उस महापुरुष की स्मृति में, जिसने बिखरे हुए भारत को एक सूत्र में पिरो दिया।
जब ब्रिटिश शासन भारत छोड़कर गया, तब देश में 550 से अधिक रियासतें थीं। इन रियासतों को भारत संघ में मिलाने का कठिन कार्य सरदार पटेल ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, दूरदृष्टि और कूटनीतिक कौशल से पूरा किया। हैदराबाद, जूनागढ़, मणिपुर और त्रावणकोर जैसी रियासतों को भारत का हिस्सा बनाना उनके अदम्य साहस और धैर्य का प्रमाण है।
सरदार पटेल की दूरदृष्टि ने अखिल भारतीय सेवाओं (All India Services) की भी नींव रखी — ऐसे अधिकारी जो केंद्र द्वारा नियुक्त होते हैं पर सेवा पूरे देश में देते हैं। इससे भारत की प्रशासनिक एकता और समरसता बनी रही।
गुजरात में स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी उनके अद्वितीय दृष्टिकोण और अनुशासित शासन की स्थायी प्रतीक हैं।
राष्ट्रीय एकता दिवस पर, आइए हम सरदार पटेल के आदर्शों — एकता, निस्वार्थ सेवा, और प्रत्येक नागरिक के अधिकारों की रक्षा — के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुनः दृढ़ करें।
जय हिन्द!
(लेखक जयंतो एन. चौधरी रिटायर्ड आईपीएस हैं। लगभग पच्चीस वर्षों तक इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) में सेवा दी तथा विदेश मंत्रालय के अंतर्गत वाशिंगटन डी.सी. स्थित भारतीय दूतावास में कार्यरत रहे। वर्तमान में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में विशेष मॉनिटर के रूप में पुलिस, कारागार एवं किशोर न्याय से संबंधित विषयों की देखरेख कर रहे हैं)

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