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    देश भर के संस्कृत और वेद विद्यालय भी अब होंगे हाईटेक, कंप्यूटर व स्मार्ट क्लासरूम से होंगे लैस; छात्रों को किया जाएगा स्किल्ड

    By Jagran NewsEdited By: Babli Kumari
    Updated: Thu, 30 Nov 2023 09:23 PM (IST)

    नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)के तहत देश भर के स्कूलों को हाईटेक और विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप तैयार करने में जुटे शिक्षा मंत्रालय ने अब देश भर के संस्कृत और वेद विद्यालयों को भी जोड़ने की योजना बनाई है। शिक्षा मंत्रालय ने फिलहाल इसका जिम्मा देश भर में संचालित हो रहे संस्कृत व वेद विद्यालयों के नियमितीकरण के लिए गठित किए गए सान्दीपनी राष्ट्रीय संस्कृत शिक्षा बोर्ड को सौंपा है।

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    संस्कृत और वेद विद्यालयों में हाईटेक और हुनरमंद बच्चे भी होंगे तैयार (फाइल फ़ोटो)

    अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। संस्कृत और वेद विद्यालयों से अब सिर्फ वेदपाठी या फिर पूजा-पाठ कराने वाली पौध ही तैयार नहीं होगी, बल्कि इनसे अब हाईटेक और हुनरमंद बच्चे भी तैयार होंगे। जो संस्कृत और वेद के साथ ही कंप्यूटर पर काम करने में दक्ष होंगे। साथ ही वह किसी न किसी कौशल ( स्किल) में भी पारंगत होंगे।

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    नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत देश भर के स्कूलों को हाईटेक और विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप तैयार करने में जुटे शिक्षा मंत्रालय ने अब देश भर के संस्कृत और वेद विद्यालयों को भी जोड़ने की योजना बनाई है। शिक्षा मंत्रालय ने फिलहाल इसका जिम्मा देश भर में संचालित हो रहे संस्कृत व वेद विद्यालयों के नियमितीकरण के लिए गठित किए गए सान्दीपनी राष्ट्रीय संस्कृत शिक्षा बोर्ड को सौंपा है।

    बोर्ड ने कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय से भी किया संपर्क 

    साथ भी बोर्ड से इन सभी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इसका पूरा खाका तैयार करने को कहा है। इस बीच बोर्ड ने कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय से भी इसे लेकर संपर्क किया है। इस दौरान संस्कृत और वेद विद्यालयों के लिए कौशल विकास से जुड़े कुछ विशेष कोर्स डिजाइन करने का भी अनुरोध किया है। हाल ही में संस्कृत व वेद विद्यालयों को हाईटेक बनाने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने बोर्ड के साथ ही एक उच्चस्तरीय बैठक की है।

    पांच सौ संस्कृत और वेद विद्यालय हो रहे संचालित 

    जिसमें इन स्कूलों की गुणवत्ता को ठीक करने और उन्हें दूसरे स्कूलों के समकक्ष तैयार करने को लेकर लंबी चर्चा की गई। इस दौरान इन स्कूलों से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए विद्याजंलि योजना की तर्ज पर काम करने पर भी जोर दिया गया। गौरतलब है कि मौजूदा समय में देश भर में सरकारी मदद से करीब पांच सौ संस्कृत और वेद विद्यालय संचालित हो रहे है। हालांकि इसके अतिरिक्त भी बड़ी संख्या में संस्कृत और वेद विद्यालय निजी मदद या फिर ट्रस्ट आदि द्वारा भी संचालित किए जा रहे है। फिलहाल बोर्ड इन सभी स्कूलों को अब बोर्ड के दायरे में लाने में जुटा है। 

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