Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    संयुक्‍त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा खुला पत्र, रखी अपनी छह मांगें, जानें क्‍या कहा

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Sun, 21 Nov 2021 10:29 PM (IST)

    तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद अब किसान संघों के प्रमुख संगठन संयुक्‍त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha SKM) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखा है। एसकेएम ने प्रधानमंत्री के सामने अपनी छह मांगें रखी हैं।

    Hero Image
    संयुक्‍त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha, SKM) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखा है।

    नई दिल्‍ली, पीटीआइ। तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद अब किसान संघों के प्रमुख संगठन संयुक्‍त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha, SKM) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखा है। एसकेएम ने प्रधानमंत्री के सामने अपनी छह मांगें रखी हैं। किसान संगठन ने पत्र में कहा है कि सरकार को तुरंत किसानों के साथ बातचीत शुरू करनी चाहिए। जब तक सरकार ऐसा नहीं करती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा...

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    संयुक्त किसान मोर्चा ने पत्र में कहा है कि प्रधानमंत्री जी आपके संबोधन में हमारी महत्वपूर्ण मांगों पर ठोस घोषणा नहीं होने से हम बेहद निराश हैं। एसकेएम ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि कृषि कानूनों के विरोध में चलाए गए आंदोलन के दौरान जिन किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे वे तुरंत वापस लिए जाएं... पत्र में कहा गया है कि जिन किसानों ने प्रदर्शनों के दौरान अपनी जान गंवाई है उनके परिवारों को सरकार की ओर से पुनर्वास सहायता और आर्थिक मुआवजा प्रदान किया जाए।

    किसान संयुक्‍त मोर्चा ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है। एसकेएम ने पत्र में सरकार से कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनों के दौरान अपनी जान गंवाने वालों के लिए एक स्मारक का निर्माण कराए जाने की भी मांग रखी है।

    इस बीच आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के विधेयकों को मंजूरी दिए जाने की संभावना है। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद इन विधेयकों को संसद के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा। संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है। सनद रहे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गुरु पर्व के मौके पर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी। वहीं किसानों का कहना है कि संसद द्वारा कानून निरस्त किए जाने तक वे प्रदर्शन स्थलों पर डटे रहेंगे।