सुषमा के समर्थन में सरकार, सपा का भी मिला साथ
आइपीएल के विवादित पूर्व प्रमुख ललित मोदी को मदद देकर विपक्ष के निशाने पर आईं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पीछे सरकार और पार्टी खड़ी हो गई है। इस्तीफे की मांग को खारिज करते हुए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को स्पष्ट कर
नई दिल्ली। आइपीएल के विवादित पूर्व प्रमुख ललित मोदी को मदद देकर विपक्ष के निशाने पर आईं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पीछे सरकार और पार्टी खड़ी हो गई है। इस्तीफे की मांग को खारिज करते हुए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को स्पष्ट कर दिया कि सुषमा की मंशा सही थी। उधर, समाजवादी पार्टी ने भी सुषमा स्वराज का बचाव करते हुए कहा है कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है। मानवीय आधार पर किसी की मदद करना गलत बात नहीं है।
शाह ने कहा कि यह क्वात्रोचि को देश के बाहर भगाने का मामला नहीं है। न ही यह एंडरसन को भोपाल त्रासदी के बाद देश के बाहर जाने की अनुमति देने जैसा मामला है। मनी लांडिं्रग के मामले में फंसे ललित मोदी देश से भागे हुए हैैं। ऐसे में सुषमा की छोटी सी मदद ने राजनीति में उफान ला दिया। कांग्रेस, आप, जदयू, भाकपा और माकपा समेत तमाम विपक्षी दलों ने एक सुर से इसे अनैतिक करार दिया। कांग्रेस ने तो सुषमा से त्यागपत्र तक देने को कहा।
विवाद के बाद सुषमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर अपनी सफाई दी। बाद में राजनाथ और मोदी के बीच लगभग एक घंटे तक बंद कमरे में बात हुई। सूत्र बताते हैैं कि ऐसे किसी व्यक्ति को मदद दिए जाने पर नेतृत्व थोड़ा असहज था, जो जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। लेकिन मानवीय आधार पर की गई मदद को ढाल बनाकर विपक्ष पर पलटवार करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद शाह और राजनाथ ने सुषमा के पक्ष में बयान दिया।
क्या है विवाद
-सुषमा ने ललित मोदी को ब्रिटिश ट्रैवल वीजा दिलाने के लिए भारतीय मूल के ब्रिटिश सांसद कीथ वाज और ब्रिटिश उच्चायुक्त जेम्स बेवान से 'पैरवीÓ की।
-वाज ने आव्रजन अधिकारी पर दबाव डालने के लिए सुषमा का नाम लिया था। इसके बाद ललित मोदी को 24 घंटे से भी कम समय में ब्रिटिश ट्रैवल दस्तावेज मिल गए थे।
-सुषमा के भतीजे ज्योतिर्मय कौशल को वाज की मदद से ब्रिटिश लॉ डिग्री कोर्स में दाखिला दिलाने का आरोप।
मदद पर सवाल क्यों
-ललित मोदी आइपीएल घोटाले के दागी हैं।
-वे 2010 से ही लंदन में रह रहे हैं और भारत में वांछित हैं।
-ईडी ने उनके खिलाफ नोटिस जारी किया हुआ है।
-वह जांच में सहयोग के लिए भारत आने से बच रहे हैं।
सुषमा की सफाई
-जुलाई 2014 में ललित मोदी ने मुझे बताया कि उनकी पत्नी का चार अगस्त को पुर्तगाल में कैंसर का ऑपरेशन होना है। सहमति पत्र पर दस्तखत करने के लिए उनका वहां रहना जरूरी है। उन्होंने यात्रा दस्तावेज जारी कराने में मदद मांगी।
-मैंने मानवीय आधार पर ब्रिटिश उच्चायुक्त से कहा कि इस मामले में ब्रिटिश सरकार अपने कानून के आधार पर विचार करे। यदि ब्रिटेन उन्हें यात्रा दस्तावेज जारी करता है तो इससे दोनों देशों के रिश्ते खराब नहीं होंगे।
-वाज ने भी मुझसे बात की। मैंने उनसे भी वही बात कही, जो ब्रिटिश उच्चायुक्त से कही थी।
-वैसे भी ललित मोदी का पासपोर्ट सरकार ने मार्च 2011 में रद कर दिया था। लेकिन पिछले साल अगस्त में दिल्ली हाई कोर्ट ने उनका पासपोर्ट बहाल कर दिया।
-जहां तक ज्योतिर्मय कौशल के ससेक्स विश्वविद्यालय में दाखिले का सवाल है, उसने सामान्य प्रक्रिया से 2013 में दाखिला लिया था। इसके एक साल बाद मैं मंत्री बनी।
-मेरी मदद से क्या बदल गया? ललित की पत्नी कैंसर से पीडि़त थी। पत्नी की सर्जरी के लिए कंसेंट पेपर साइन करने से क्या बदल गया?
सपा ने किया समर्थन
समाजवादी पार्टी ने इस मामले में कांगेस से विपरीत रुख अपनाया है। राजद व राकांपा जैसे दलों का रुख भी आक्रामक नहीं है। सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि अगर किसी की पत्नी को कैंसर हो और मानवीय आधार पर सुषमा स्वराज ने कुछ कहा हो तो इसमें कौन सा पहाड़ टूट गया? उन्होंने कांग्रेस द्वारा स्वराज से इस्तीफा मांगने पर कहा कि कुछ लोगों को इस्तीफा मांगने की आदत है।
सुषमा स्वराज ने जो किया वह सही था और मैं उसे उचित ठहराता हूं। मानवीय संवेदना रखने वाले को यही करना चाहिए था। सरकार उनके साथ खड़ी है-राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री
एक भारतीय ने सुषमा जी से पत्नी के इलाज के लिए मदद मांगी। सुषमा जी ने ब्रिटिश सांसद से नियमानुसार मदद करने की बात की। इसमें इतना हो-हल्ला करने की जरूरत नहीं है-अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष
सुषमा स्वराज कभी भी देश की संप्रभुता से समझौता नहीं कर सकती हैं। उनमें मानवीय मूल्य भरे हुए हैं। यह कदम उनके इन्हीं गुणों के अनुरूप है-इंद्रेश कुमार, आरएसएस नेता
यह एक गंभीर मामला है। विदेश मंत्री एक भगोड़े की मदद कर रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी को सफाई देनी चाहिए। सुषमा स्वराज को नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए- दिग्विजय सिंह, कांग्रेस महासचिव।
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