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    Salman Rushdie Books: इन प्रसिद्ध किताबों की वजह से कभी चर्चा में और कभी विवादों में घिरे रहे सलमान रुश्दी

    By Piyush KumarEdited By:
    Updated: Sat, 13 Aug 2022 12:23 AM (IST)

    मिडनाइट्स चिल्ड्रन यह उपन्यास स्वतंत्रता के बाद की घटनाओं पर आधारित है। इस कहानी का नायक और मुख्य चरित्र सलीम सिनाई है। सलीम सिनाई का जन्म 15 अगस्त 1957 रात के 12 बजे हुआ था। इसी वजह से सलीम का जन्म टेलीपैथिक शक्तियों के साथ हुआ था।

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    भारत में जन्में अंग्रेजी भाषा के मशहूर लेखक सलमान रुश्दी की फाइल फोटो।

    नई दिल्ली, जेएनएन। भारत में जन्में अंग्रेजी भाषा के मशहूर लेखक सलमान रुश्दी पर शुक्रवार को अमेरिका के न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम के दौरान चाकू से हमला किया गया। हमलावर ने उनकी गर्दन में चाकू मारा। हमले के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि अभी उनकी स्थिति कैसी है इस बारे में ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है। सलमान रुश्दी दुनियाभर में अपने लेखन के लिए फेमस हैं।

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    चलिए जानते हैं उनके द्वारा लिखी गई प्रसिद्ध रचनाएं

    ग्रिमस (1975): यह एक उपन्यास है, जिसमें एक अमर व्यक्ति मृत्यु को दोबारा हासिल करने के लिए एक पौराणिक यात्रा करता है।

    मिडनाइट्स चिल्ड्रन (1981): यह उपन्यास स्वतंत्रता के बाद की घटनाओं पर आधारित है। इस कहानी का नायक और मुख्य चरित्र सलीम सिनाई है। सलीम सिनाई का जन्म 15 अगस्त 1957, रात के 12 बजे हुआ था। इसी वजह से सलीम का जन्म टेलीपैथिक शक्तियों के साथ हुआ था। सलमान रुश्दी को इस उपान्यास के लिए साल 1981 में बुकर पुरस्कार मिला था।

    शेम (1983): यह किताब मिडनाइट्स चिल्ड्रेन के बाद लिखा गया तीसरा उपन्यास है। यह उपन्यास लेखक की अधिकांश रचनाओं की तरह ही जादुई यथार्थवाद की शैली में लिखा गया है। का प्रयोग किया गया है। इस में जुल्फिकार अली भुट्टो (इस्कंदर हड़प्पा) और जनरल मुहम्मद जिया-उल-हक (जनरल रज़ा हैदर) के जीवन और उनके संबंधों का चित्रण किया गया है। 

    द सैटेनिक वर्सेज (1988): यह किताब पहली बार 1988 में प्रकाशित किया गया था और इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद के जीवन से प्रेरित था। रुश्दी ने अपनी इस किताब में जादुई यथार्थवाद का उपयोग किया और समकालीन घटनाओं और समकालीन लोगों को उपन्यास में पात्र बनाया गया। रुश्दी ने इस किताब में एक मुस्लिम परंपरा का जिक्र किया है, जिसे लेकर कई इस्लामिक देशों ने रुश्दी की इस किताब पर बैन लगा दिया। इस किताब के छपने के बाद भी रुशदी को मौत की धमकियां मिलती रही हैं, ईरान के धार्मिक नेता अयातुल्ला रुहोल्ला खोमैनी तो रुश्दी के खिलाफ फतवा भी जारी कर दिया था।

    द मूर्स लास्ट सीघ (1995): यह एक मसाला व्यापारी की कहानी है , जिसकी उम्र सामान्य इंसानों से दोगुनी तेज बढ़ रही है। 

    द गोल्डन हाउस (2017): यह किताब एक समकालीन यथार्थवादी दृष्टांत है जो एक अमीर और अजीब मैनहट्टन परिवार का वर्णन करता है। यह कहानी अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प के सत्ता में आने के बाद सामने आने वाले वास्तविक जीवन के नाटक पर आधारित है।

    सलमान रुश्दी ने इस किताबों के अलावा द एनचेंट्रेस ऑफ फ्लोरेंस (2008), द ग्राउंड बिनिथ हर फीट (1999), रोष (2001), शालीमार द क्लाउन (2005), दो साल आठ महीने और अट्ठाईस रातें (2015) और क्विक्सोट (2019) जैसे उपन्यास भी लिख चुके हैं।

    सलमान रुश्दी का पूरा नाम अहमद सलमान रश्दी है। इनका जन्म ब्रिटिश राज के दौरान 19 जून 1947 को बंबई में हुआ था। वह अनीस अहमद रुश्दी के बेटे हैं। उन्होंने दक्षिण बॅाम्बे के किले में कैथेड्रल और जॅान कॅानन में शिक्षा प्राप्त की। कैम्ब्रिज में स्नातक होने के बाद, रुश्दी कुछ समय के लिए पाकिस्तान में अपने परिवार के साथ रहे। बता दें कि सलमान रुश्दी ने चार शादियां की। बता दें कि सलमान रुश्दी ने कई विवादित चीजें भी लिखी जिसके कारण उनके कई किताबों को भारत में बैन कर दिया गया है।