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    39 दिन इधर-उधर घूमती रही सबरीमाला की स्वर्ण चौखट, 4.5 किलो सोना गायब होने पर उठ रहे सवाल

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 05:00 AM (IST)

    सबरीमाला मंदिर की स्वर्ण चौखट 39 दिनों तक इधर-उधर घूमती रही, जिसके बाद 4.5 किलो सोना गायब हो गया। इस घटना से भक्तों में आक्रोश है और मंदिर प्रशासन पर मामले को दबाने का आरोप लग रहा है। सोने की चोरी का संदेह जताया जा रहा है और उच्च स्तरीय जांच की मांग की जा रही है ताकि सच्चाई सामने आ सके।

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    39 दिन इधर-उधर घूमती रही सबरीमाला की स्वर्ण चौखट (फाइल)


    जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। केरल के सबरीमला मंदिर की पवित्र स्वर्ण जड़ित चौखट को लेकर चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। बताया जा रहा है कि इन चौखटों को मरम्मत के लिए मंदिर से हटाया गया था, लेकिन 39 दिनों के बाद जब ये लौटी, तो लगभग 4.5 किलो सोना गायब पाया गया।

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    रिपोर्ट के अनुसार 2019 में जब जीर्णोद्धार कार्य के लिए द्वारपालक की मूर्तियों और द्वारों के पैनल पर लगे सोने के आवरण को 19 जुलाई, 2019 को हटाया गया और उसका वजन 42.8 किलोग्राम था। अगले दिन 20 जुलाई, 2019 ये उन्नीकृष्णन पोट्टी (सोने की परत चढ़ाने का प्रस्ताव देने वाले प्रायोजक) की देखरेख में, इलेक्ट्रोप्लेटिंग के लिए अनुबंधित चेन्नई की कंपनी, स्मार्ट क्रिएशंस के पास भेजी गई , लेकिन इन्हें सीधे चेन्नई नहीं भेजा गया।

    चौखट 39 दिन बाद 29 अगस्त को चेन्नई पहुंची और तब उनका वजन घटकर 38.25 किलो रह गया। 39 दिनों में चौखट को अलग-अलग जगहों पर ले जाया गया। इनमें कोट्टायम के मंदिर, आंध्र प्रदेश के मंदिरों और बेंगलुरु के श्रीरामपुरम स्थित अयप्पा मंदिर ले जाया गया। इन्हें मलयालम अभिनेता जयराम के घर निजी पूजा के लिए भी लाया गया था। 11 सितंबर, 2019 को सबरीमाला वापस भेज दिया गया।

    सवाल यह है कि क्या यह वही चौखट थी जो सबरीमाला से निकलकर चेन्नई स्मार्ट क्रिएशंस तक पहुंची थी? अगर हां, तो लगभग साढ़े चार किलो सोने के इस अबूझ नुकसान की वजह क्या है? सोने और चौखट की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी थी? ये ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब मिलने चाहिए।

    केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने केरल सरकार को घेरा

    केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने शुक्रवार को कहा कि फिल्मी हस्तियों के खिलाफ जांच सबरीमाला स्वर्ण विवाद से ध्यान भटकाने का प्रयास है। हालांकि उन्होंने अभिनेताओं या मामले के बारे में कुछ नहीं बताया। गोपी ने कहा कि ऐसी घटनाएं असामान्य नहीं हैं। जब भी कोई ऐसी घटना सामने आती है जो सरकार को कटघरे में खड़ा करती है, पुलिस कार्रवाई के जरिये किसी भी प्रतिभाशाली व्यक्ति को बदनाम करने का चलन शुरू हो जाता है।

    केरल भाजपा प्रमुख ने की देवस्वोम बोर्ड की स्वतंत्र जांच की मांग

    एएनआइ के अनुसार, केरल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को दावा किया कि राज्य में पवित्र मंदिरों की लूट 10-20 साल से हो रही है। उन्होंने मांग की कि देवस्वोम बोर्ड की गतिविधियों और केरल के सभी मंदिरों की कथित लूट की स्वतंत्र केंद्रीय जांच शुरू की जाए।

    चंद्रशेखर ने कहा, अपराध हुए हैं, सोना न केवल सबरीमाला से बल्कि केरल के सभी मंदिरों से लूटा गया है। इन अपराधों के पीछे शक्तिशाली लोग हैं। इस तरह की गतिविधि, पवित्र मंदिरों की इस तरह की बेशर्म, अक्षम्य लूट, कोई छह महीने पहले की बात नहीं है। यह 10-20 साल पहले से चल रही है। इसीलिए हम पिछले 30 वर्षों में देवस्वोम की गतिविधियों की जांच की मांग कर रहे हैं। 30 साल की देवास्वोम विजिलेंस रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।

    देवस्वोम बोर्ड की गतिविधियों और केरल के सभी मंदिरों की लूट की स्वतंत्र केंद्रीय जांच शुरू की जाए और अपराधियों की पहचान कर उन पर मुकदमा चलाया जाए और उन्हें जेल भेजा जाए। जब तक ऐसा नहीं होता, हम चैन से नहीं बैठेंगे। इस बीच, केरल विधानसभा में इस विवाद को लेकर विपक्ष ने विरोध प्रदर्शन किया और राज्य के देवस्वोम मंत्री वीएन. वासवन के इस्तीफा देने तक विधानसभा की कार्यवाही में सहयोग करने से इन्कार कर दिया।

    (समाचार एजेंसी एएनआइ के इनपुट के साथ)