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    सबरीमाला सोना चोरी मामले में एसआईटी की जांच जारी, हिरासत में लिए गए मंदिर के पूर्व अधिकारी

    Updated: Thu, 23 Oct 2025 09:27 AM (IST)

    सबरीमाला मंदिर में सोने की चोरी के मामले में एसआईटी ने पूर्व एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर मुरारी बाबू को हिरासत में लिया है। उन पर मंदिर के रिकॉर्ड में हेराफ ...और पढ़ें

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    सबरीमाला मंदिर: सोने की चोरी में पूर्व अधिकारी हिरासत में। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। सबरीमाला मंदिर से सोने की चोरी मामले में एसआईटी का एक्शन जारी है। इस बीच खबर है कि सबरीमाला मंदिर के पूर्व एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर को भगवान अयप्पा के पवित्र मंदिर से सोने की परत हुई हेराफेरी के मामले में एसआईटी ने हिरासत में लिया है।

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    दरअसल, मंदिर के पूर्व एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर मुरारी बाबू को गुरुवार को हिरासत में लिया गया। इसके बाद उन्हें तिरुवंनंतपुरम लाया गया। अब उनसे पूछताछ की जाएगी।

    एसआईटी करेगी पूछताछ

    उम्मीद जताई जा रही है कि हिरासत में लिए गए सबरीमाला मंदिर के पूर्व एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर से उन्नीकृष्णन पोट्टी के साथ मिलकर पूछताछ की जाएगी। बता दें कि उन्नीकृष्णन पोट्टी इस मामले से जुड़े एक अहम व्यक्ति हैं, जिनको 2019 में मंदिर में सोने की परत चढ़ाने का काम सौंपा गया था और वह गिरफ्तार हैं।

    जांचकर्ताओं के अनुसार, बाबू ने कथित तौर पर मंदिर के रिकॉर्ड में हेराफेरी की। इसमें सोने की चीजों को तांबे के तौर पर रजिस्टर किया गया था, जिससे मंदिर की इन्वेंट्री से कीमती सामान के गायब होने की बात छिप गई।

    एसआईटी की रिपोर्ट में क्या कहा गया?

    उल्लेखनीय है कि एसआईटी ने त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड की 2019 की मिनट्स बुक जब्त कर ली है। इसी में सोने की चादरें और प्लेटिंग का सामान उन्नीकृष्णन पोट्टी को सौंपने का ऑफिशियल फैसला है। केरल हाई कोर्ट को सौंपी गई SIT की रिपोर्ट में देवस्वोम बोर्ड के कुछ सदस्यों और कर्मचारियों पर प्राइवेट लोगों की तरफ से काम करने का आरोप लगाया गया है, जिससे सरकारी रिकॉर्ड में साफ हेरफेर की ओर इशारा किया गया है।

    जांचकर्ताओं ने लगाए ये आरोप

    बता दें कि जांच करने वालों ने बोर्ड पर जानबूझकर रुकावट डालने का भी आरोप लगाया है, उनका दावा है कि उसने बार-बार कहने पर ही रिकॉर्ड पेश किए, जिससे मामले को दबाने का शक और बढ़ गया है।

    केरल हाईकोर्ट ने क्या कहा?

    वहीं, इस मामले की सुनवाई के दौरान मंगलवार को केरल हाईकोर्ट ने इस बात की चिंता जताई है कि यह एक बड़ी और सोची-समझी साजिश है। न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में कहा कि 2019 से हुई घटनाओं की सीरीज़ से यह साफ़ पता चलता है कि त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के कई लेवल पर मिलकर काम किया जा रहा है। 

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