Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सबरीमाला मंदिर में सोने की हेराफेरी का मामला, हाई कोर्ट ने दिया आपराधिक केस दर्ज करने का आदेश

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 02:00 AM (IST)

    केरल हाई कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर के चौखट से सोने की हेराफेरी के मामले में आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने राज्य पुलिस को जांच शुरू करने का निर्देश दिया है। विजिलेंस रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 474.9 ग्राम सोना उन्नीकृष्णन पोट्टी को सौंपा गया था। एसआईटी को जांच का विवरण जनता को न बताने का निर्देश दिया गया है।

    Hero Image

    केरल हाई कोर्ट का आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश। जागरण फोटो

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल हाई कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य पुलिस को आदेश दिया कि वह सबरीमला मंदिर के 'चौखट' से 'सोने की हेराफेरी' को लेकर आपराधिक मामला दर्ज कर जांच शुरू करे।जस्टिस राजा विजयराघवन वी. और न्यायमूर्ति केवी. जयकुमार की पीठ ने यह निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि अब तक की जांच से प्रतीत होता है कि जहां तक चौखट का संबंध है, सोने की हेराफेरी की गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पीठ ने कहा कि पेश की गई विजिलेंस रिपोर्ट से पता चला है कि काफी मात्रा में सोना - लगभग 474.9 ग्राम - उन्नीकृष्णन पोट्टी (सोने की परत चढ़ाने का प्रस्ताव देने वाले प्रायोजक) को सौंपा गया था। पीठ ने विशेष जांच दल (एसआइटी) को चौखट मुद्दे के साथ-साथ जांच के दौरान सामने आने वाले अन्य सभी पहलुओं की भी पड़ताल करने का निर्देश दिया।

    हाई कोर्ट का आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश

    कोर्ट ने विजिलेंस रिपोर्ट त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) के समक्ष पेश करने का भी निर्देश दिया, जिसे राज्य पुलिस प्रमुख को अग्रेषित किया जाएगा। राज्य पुलिस प्रमुख को एडीजीपी (अपराध शाखा और कानून व्यवस्था) एच. वेंकटेश को इस मामले में आपराधिक मामला दर्ज करने और जांच शुरू करने का निर्देश देने के लिए कहा गया।

    नौ अक्टूबर को जारी सरकारी आदेश के अनुसार, एडीजीपी वेंकटेश एसआइटी का नेतृत्व कर रहे हैं। एसआइटी को छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने और हर दो सप्ताह में एक बार अदालत के समक्ष जांच की स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश भी दिया गया। पीठ ने यह भी कहा कि विशेष जांच दल अदालत के प्रति 'सीधे जवाबदेह' होगा। एसआइटी को यह भी निर्देश दिया गया कि जांच पूरी होने तक वह जांच का विवरण जनता या मीडिया को न बताए।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)