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    'हम दोस्ती का हाथ बढ़ाते हैं लेकिन...' आतंकवाद से कैसे निपटती है मोदी सरकार? एस जयशंकर ने दिया जवाब

    By Agency Edited By: Piyush Kumar
    Updated: Tue, 07 May 2024 03:34 PM (IST)

    विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद का जिक्र करते हुए कांग्रेस और भाजपा शासन की तुलना की। उन्होंने कहामुंबई हमलों में क्या हुआ और उरी और बालाकोट में क्या हुआ। आज का भारत आतंकवाद के साथ अलग तरीके से निपटता है। हमारे सैनिक चीन की सीमा पर डटे हुए हैं। हम पर रूस से तेल न खरीदने का दबाव था लेकिन हमने अपने हित पर जोर दिया।

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    एस जयशंकर ने आतंकवाद और वैश्विक चुनौतियों पर प्रतिक्रिया दी है।(फोटो सोर्स: जागरण)

    एएनआई, नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज में विकसित भारत 2047 कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान आतंकवाद, विदेश नीति सहित कई मुद्दों पर चर्चा की।

    एस जयशंकर ने कहा कि आज के समय भारत की छवि ऐसी है कि जहां पर मित्रता निभाने की जरूरत होती है, वहां हम दोस्ती निभाते हैं, लेकिन हम निष्पक्ष फैसला लेते हैं। दुनिया समझ चुकी है कि आज का भारत काफी हद तक बदल चुका है। एस जयशंकर के 'आज का भारत' का मतलब है कि जब 2014 से लेकर अब तक।

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    आज का भारत बदल चुका है: एस जयशंकर

    एस जयशंकर ने आगे आतंकवाद का जिक्र करते हुए कांग्रेस और भाजपा शासन की तुलना की। उन्होंने कहा,"मुंबई हमलों में क्या हुआ और उरी और बालाकोट में क्या हुआ। आज का भारत आतंकवाद के साथ अलग तरीके से निपटता है। हमारे सैनिक चीन की सीमा पर डटे हुए हैं। हम पर रूस से तेल न खरीदने का दबाव था। हमारे हितों के लिए रूस से तेल खरीदना जरूरी था तो हमने रूस से तेल खरीदा।"

    विदेश मंत्री ने कैशलेस लेन-देन का किया जिक्र

    एस जयशंकर ने  डिजिटलीकरण का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी सरकार में भारत काफी डिजिटल हो चुका है। एसजयशंकर ने छात्रों से पूछा कि आप में से कितने लोग आज कैश का यूज करते हैं? उन्होंने कैशलेस लेनदेन के महत्व का भी जिक्र किया।

    एस जयशंकर ने कहा,"आज के समय देश प्रति माह 10-11 बिलियन कैशलेस लेनदेन करता है। अमेरिका एक वर्ष में 4 बिलियन डिजिटलीकरण लेन-देन करता है। चीन एक वर्ष में अधिकतम 20 बिलियन लेन-देन डिजिटल माध्यम से करता है।"

    विदेश मंत्री ने आगे कहा कि कुछ समय में भारत तीसरा सबसे बड़ा अर्थव्यवस्था वाला देश बनने जा रहा है।

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