कर्नाटक के जंगल में एक गुफा में मिली रूसी महिला, दो बेटियों के साथ बना लिया था ठिकाना
कर्नाटक के घने जंगल में एक महिला मिली जो गुफ में अपनी दो बेटियों के साथ रह रही थी। एएनआई के मुताबिक पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा कि 9 जुलाई को गोकर्ण के रामतीर्थ पहाड़ी के जंगलों में स्थित एक खतरनाक गुफा से एक रूसी मूल की महिला और उसकी दो छोटी बेटियों को बचाया गया। पुलिस ने पाया कि वे वहां खतरनाक परिस्थितियों में रह रही थीं।

एएनआई, गोकर्ण। कर्नाटक से एक बेहद हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। पुलिस को कर्नाटक के घने जंगल में एक महिला मिली जो गुफ में अपनी दो बेटियों के साथ रह रही थी। पूछताछ में पता चला कि उसका वीजा खत्म हो गया था और वो गोवा से कर्नाटक आई थी।
गोकर्ण के रामतीर्थ पहाड़ी इलाके में मिली महिला
एएनआई के मुताबिक, पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा कि 9 जुलाई को गोकर्ण के रामतीर्थ पहाड़ी के जंगलों में स्थित एक खतरनाक गुफा से एक रूसी मूल की महिला और उसकी दो छोटी बेटियों को बचाया गया। पुलिस ने पाया कि वे वहां खतरनाक परिस्थितियों में रह रही थीं।
आठ साल पहले ही खत्म हो गया था वीजा
अधिकारियों ने बाद में पुष्टि की कि नीना कुटीना (40) नामक महिला अपने वीजा की अवधि से आठ साल से अधिक समय तक भारत में है। गोकर्ण पुलिस के अनुसार, 9 जुलाई को शाम लगभग 5:00 बजे, पर्यटकों की सुरक्षा की जांच के लिए रामतीर्थ पहाड़ी पर गश्त करते समय, गोकर्ण पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक और कर्मचारी एकत्रित हुए और पहाड़ी पर वन क्षेत्र में स्थित गुफा की जांच की।
गुफा की जांच की गई और पाया गया कि रूसी मूल की एक विदेशी महिला, नीना कुटीना (40 वर्ष), अपनी दो छोटी बेटियों, कुमारी प्रेमा (6 वर्ष 7 महीने) और कुमारी अमा (4 वर्ष) के साथ वहाँ रह रही थी।
गुफा भूस्खलन क्षेत्र में स्थित थी
पुलिस ने बताया कि गुफा भूस्खलन क्षेत्र में स्थित थी और विषैले वन्यजीवों से घिरी हुई थी, जिससे परिवार को गंभीर खतरा था। खतरों के बारे में बताने के बाद, महिला वहां से जाने के लिए तैयार हो गई। इस इलाके में पिछले साल कई बार भूस्खलन हुआ था।
ईश्वर की अराधना के लिए वह जंगल में रहना चाहती थी
पूछताछ करने पर, विदेशी महिला ने बताया कि वह अपने बच्चों के साथ गोवा से आई है, क्योंकि वह "ईश्वर की आराधना और ध्यान" के लिए जंगल में रहना चाहती थी। शुरुआत में अपनी पहचान बताने से हिचकिचाते हुए, कुटीना ने बाद में पुलिस, महिला एवं बाल कल्याण विभाग और स्वामीजी को बताया कि उनके पासपोर्ट और वीजा खो गए हैं।
फिर गुफा और आसपास के जंगल की तलाशी के दौरान, पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों ने दस्तावेज बरामद किए, जिनसे पता चला कि उसका वीज़ा 17 अप्रैल, 2017 को समाप्त हो गया था।
महिला अब पुलिस की निगरानी में
इस खोज के बाद, कारवार (उत्तर कन्नड़) के पुलिस अधीक्षक ने बेंगलुरु स्थित विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) से संपर्क किया। अब महिला और उसके बच्चों को रूस वापस भेजने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। वे वर्तमान में अपनी सुरक्षा के लिए महिला स्वागत केंद्र की देखरेख में हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।