Russia Ukraine War के बीच पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर की बातचीत
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्वादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत की है। क्रेमलिन ने यह जानकारी दी है। बता दें रूस ने यूक्रेन पर एक बार फिर से हमले तेज कर दिए हैं। उसने यूक्रेन पर 60 से अधिक मिसाइलें दागी हैं।
नई दिल्ली, एजेंसी। Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। रूस ने यूक्रेन पर एक बार फिर से हमला करना शुरू कर दिया है। रूस ने यूक्रेन में 60 से अधिक मिसाइलें दागी हैं। इन सबके बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्वादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत की है। क्रेमलिन के हवाले से न्यूज एजेंसी रायटर्स ने यह जानकारी दी है।
कई पहलुओं की समीक्षा
पीएमओ ने बताया कि यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के संदर्भ में पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ अपनी बातचीत में बातचीत और कूटनीति को ही आगे बढ़ाने के अपने आह्वान को दोहराया है। समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर अपनी बैठक के बाद दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के कई पहलुओं की समीक्षा की, जिसमें ऊर्जा सहयोग, व्यापार और निवेश, रक्षा और सुरक्षा सहयोग और अन्य प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं।
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जी-20 की अध्यक्षता के बारे में मोदी ने पुतिन को दी जानकारी
पीएमओ के मुताबिक, पीएम मोदी ने पुतिन को जी-20 की भारत की मौजूदा अध्यक्षता के बारे में जानकारी दी और इसकी प्रमुख प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन की भारत की अध्यक्षता के दौरान दोनों देशों के एक साथ काम करने की भी उम्मीद की। वे एक-दूसरे के साथ नियमित संपर्क में रहने पर सहमत हुए।
ईंधन खरीद का उठा मुद्दा
माना जा रहा है कि भारत की तरफ से रूस से ईंधन खरीद और रूस के ऊर्जा सेक्टर में भारतीय कंपनियों के निवेश का मुद्दा पीएम मोदी की तरफ से उठाया गया है। रूस अभी भारत के लिए कच्चे तेल का सबसे बड़ा खरीददार देश बन गया है। अमेरिका व पश्चिमी देशों की तरफ से रूस से उत्पादित क्रूड की कीमत की उच्चतम सीमा तय करने की मांग को भी भारत नहीं मान रहा है। पुतिन और मोदी के बीच रक्षा सहयोग से जुड़े मुद्दे भी उठे हैं।
भारत और रूस की रणनीतिक साझेदारी महत्वपूर्ण- पुतिन
उधर, रूस सरकार की तरफ से बताया गया है कि टेलीफोन वार्ता में पुतिन ने रूस और भारत की विशेष रणनीतिक साझेदारी को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया है। पीएम मोदी के कहने पर पुतिन ने यूक्रेन के साथ मौजूदा स्थिति के बारे में भी उन्हें जानकारी दी। दोनो नेताओं के बीच आगे भी संवाद जारी रहने की सहमति बनी है।
भारत और रूस के बीच इस वर्ष नहीं होगी शिखर वार्ता
सनद रहे कि हर वर्ष भारत और रूस के बीच एक शिखर वार्ता होने की परंपरा वर्ष 2000 से ही चल रही है। दो वर्ष यह परंपरा टूटी थी, लेकिन उसकी एक बड़ी वजह कोरोना महामारी रही थी। दिसंबर, 2021 में राष्ट्रपति कुछ घंटों के लिए इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत आए थे। इस वर्ष बताया जा रहा है कि दोनो नेताओं के घरेलू मुद्दों में व्यस्त होने की वजह से यह बैठक नहीं होगी। वैसे समरकंद में हुई बैठक काफी व्यापक थी और माना जा रहा है कि अभी द्विपक्षीय रिश्तों की समीक्षा करने की कोई जरूरत नहीं है।
समरकंद में आखिरी बार हुई थी मुलाकात
पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के बीच आखिरी मुलाकात उज्बेकिस्तान के समरकंद में 16 सितंबर को एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। इस साल दोनों नेताओं के बीच कई बार टेलीफोन पर बातचीत हुई है।
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