भारत ने रूस से रिकॉर्ड मात्रा में की Crude Oil की खरीद, लंबे समय तक सप्लायर बना रहेगा Russia
यूक्रेन युद्ध के बाद भारत पर दबाव था कि वह रूस से कम से कम तेल खरीदे। लेकिन भारत ने इन सारे दबावों को दरकिनार करते हुए रिकॉर्ड मात्रा में तेल की खरीद की। दोनों देशों में रुपये व रूबल में इसके भुगतान को लेकर भी बातचीत हो रही है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। यूक्रेन युद्ध के बाद वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की आपूर्ति व कीमतों में जो बदलाव हुआ उसे देखते हुए भारत ने रूस से बड़े पैमाने पर तेल की जो खरीद शुरू की है वह अब थमने नहीं जा रही है। आने वाले दिनों में अगर यूक्रेन-रूस युद्ध समाप्त भी होता है और रूस पर लगे प्रतिबंध भी खत्म हो जाते हैं तब भी भारत रूस से लंबी अवधि तक क्रूड की खरीद जारी रखेगा।
भारत को सबसे ज्यादा तेल बेचने वाले देशों में दूसरे नंबर पर है रूस
रूस अभी भारत को सबसे ज्यादा तेल बेचने वाले देशों में दूसरे नंबर पर है, जबकि एक वर्ष पहले रूस शीर्ष के दस देशों में भी शामिल नहीं था। यही वजह है कि मार्च, 2023 में देश की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी कंपनी इंडियन आयल कार्पोरेशन (आइओसी) ने रूस की रोसनेफ्ट के साथ एक समझौता किया है कि वह रूसी कंपनी से ज्यादा मात्रा में तेल खरीद करेगी।
रूस का तेल अभी 7-10 डॉलर प्रति बैरल तक सस्ता है
पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारी बताते हैं कि भारत की अधिकांश पेट्रोलियम कंपनियां किसी न किसी रूस के तेल आपूर्तिकर्ता कंपनियों के साथ संपर्क में हैं ताकि ज्यादा तेल की खरीद लगातार की जा सके। रूस से तेल खरीदने में भले ही अभी निजी कंपनियां रिलायंस और नयारा आगे हैं, लेकिन जल्द ही आइओसी, एचपीसीएल और बीपीसीएल की तरफ से भी खरीददारी बढ़ाने की तैयारी है। उक्त अधिकारी बताते हैं कि अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से बाजार के मुकाबले रूस का तेल अभी 7-10 डॉलर प्रति बैरल तक सस्ता है। यह भारत के लिए बढ़िया सौदा है।
एक साल में भारतीय कंपनियों ने सबसे ज्यादा तेल रूस से खरीद की
मार्च, 2023 में रोसनेफ्ट के सीईओ आइगोर सेशिन ने अपनी भारती यात्रा के दौरान सरकार के प्रतिनिधियों के साथ ही सरकारी तेल कंपनियों को भी आश्वस्त किया है कि रूस तेल कीमतों को लेकर भारत को आगे भी आकर्षक ऑफर देता रहेगा। भारत रूस से कितनी मात्रा में तेल खरीदता है इसका सरकार की तरफ से कोई डाटा नहीं दिया जा रहा है। लेकिन कुछ अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की रिपोर्ट बताती है कि अक्टूबर, 2022 से मार्च, 2023 के बीच भारतीय कंपनियों ने सबसे ज्यादा तेल रूस से खरीद की है।
'मार्च 2023 में रूस से रोजाना 16 लाख बैरल क्रूड भारत आया'
वोर्टेक्सा नाम की एजेंसी की रिपोर्ट कहती है कि मार्च, 2023 में रूस से रोजाना 16 लाख बैरल क्रूड भारत आया है। अप्रैल माह में यह मात्रा बढ़ कर तकरीबन 20 लाख बैरल रोजाना हो गई है। भारत को तेल बिक्री के मामले में ईराक व सउदी अरब दूसरे व तीसरे स्थान पर आ गये हैं। भारत को तेल बेचने के मामले में तेल उत्पादक ओपेक देशों की हिस्सेदारी घट कर 40 फीसदी रह गई है। रूस से ज्यादा तेल खरीदने की वजह से ही भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय कारोबार 40 अरब डॉलर का हो गया है। जो निर्धारित लक्ष्य से काफी ज्यादा है।
भारत ने रूस से रिकॉर्ड मात्रा में तेल की खरीद की
बता दें कि यूक्रेन युद्ध के बाद भारत पर काफी दबाव था कि वह रूस से कम से कम तेल खरीदे। लेकिन भारत ने इन सारे दबावों को दरकिनार करते हुए रिकॉर्ड मात्रा में तेल की खरीद की है। दोनों देशों में रुपये व रूबल में इसके भुगतान को लेकर भी बातचीत हो रही है। यह व्यवस्था भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए काफी अच्छा हो सकता है। यह भी एक वजह है कि भारत रूस को एक स्थाई तेल आपूर्तिकर्ता के तौर पर देख रहा है।