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    'पहलगाम के गुनहगारों को बख्शा न जाए,' पुतिन ने पीएम मोदी से की फोन पर बात; कहा- हम भारत के साथ

    रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी से फोन पर बात की है बातचीत में उन्होंने पहलगाम में हुए हमले की निंदा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने इसको लेकर एक्स पर पोस्ट किया है। रणधीर जायसवाल ने कहा -राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया और भारत के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने निर्दोष लोगों की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त की।

    By Digital Desk Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Mon, 05 May 2025 03:37 PM (IST)
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    पुतिन ने पीएम मोदी से की फोन पर बात

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी से फोन पर बात की है। बातचीत में उन्होंने पहलगाम में हुए हमले की निंदा की। भारत के  विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसको लेकर एक्स पर पोस्ट किया है।

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    राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया और भारत के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने निर्दोष लोगों की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को पूरा समर्थन देने की बात कही।

    'हमले के गुनहगारों को कटघरे में लाएं'

    रणधीर जायसवाल ने आगे कहा, पुतिन ने इस बात पर जोर दिया कि इस जघन्य हमले के दोषियों और उनके समर्थकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन को विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर शुभकामनाएं दीं और उन्हें इस साल के अंत में भारत में आयोजित होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया।

    विदेश मंत्री ने भी की थी अपील

    इससे पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भी रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताई थी। विदेश मंत्री ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की थी।

    भारत और पाकिस्तान में तनाव

     22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इस हमले में जान गंवाने वालों में ज्यादातर पर्यटक थे। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ बताया जा रहा है।

    भारत ने इस हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कदम उठाए हैं। इनमें सबसे अहम समझौता सिंधु जल समझौते पर रोक लगाना भी शामिल है।

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