जोधपुर में RSS की बैठक का दूसरा दिन, संघ का स्वदेशी, जैविक खेती और सहकारिता पर जोर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अखिल भारतीय समन्वय बैठक के दूसरे दिन शनिवार को भी अपने शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया जो इस वर्ष विजयादशमी से अगले वर्ष विजयादशमी तक चलेंगे। इसके साथ ही संघ से संबद्ध संगठनों ने अपनी गतिविधियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी साझा की। संघ से संबंद्ध 32 संगठनों के 320 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

जागरण संवाददाता, जोधपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अखिल भारतीय समन्वय बैठक के दूसरे दिन शनिवार को भी अपने शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया, जो इस वर्ष विजयादशमी से अगले वर्ष विजयादशमी तक चलेंगे। इसके साथ ही संघ से संबद्ध संगठनों ने अपनी गतिविधियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी साझा की।
इसके तहत सामाजिक जीवन में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने, किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए प्रेरित करने के साथ स्वदेशी उत्पादों के उपयोग, आर्थिक आत्मनिर्भरता व समृद्धि के लिए सहकारिता पर विशेष जोर दिया गया।
विश्व हिंदू परिषद ने नशे के खिलाफ अपने जन जागरूकता अभियान और इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में जानकारी साझा की, जबकि भारत विकास परिषद ने एनीमिया मुक्त भारत के लिए अपने अभियान की रूपरेखा प्रस्तुत की।
महिला समन्वय ने बताया कि सामाजिक जीवन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए वह कई गतिविधियां और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है, जबकि भारतीय किसान संघ ने किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के उपायों पर चर्चा की। स्वदेशी जागरण मंच ने स्वदेशी उत्पादों के उपयोग और आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए अपने जागरूकता अभियान को प्रस्तुत किया।
संस्थान सक्षम (समदृष्टि, क्षमता विकास और अनुसंधान मंडल) ने रामदेवरा मेले के दौरान एक अगस्त से दो सितंबर तक आयोजित नेत्र कुंभ के बारे में जानकारी दी। सहकारिता के भाव को समाज में सशक्त करने के लिए दुग्ध संघ से जुड़े विषयों पर भी चर्चा की गई।
बता दें कि जोधपुर में पांच सितंबर से शुरू तीन दिवसीय बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत और महासचिव दत्तात्रेय होसबाले सहित अन्य पदाधिकारियों के साथ संघ से संबंद्ध 32 संगठनों के 320 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
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