मल्लिकार्जुन खरगे के क्षेत्र में RSS को मिली रूट मार्च की अनुमति, पूरी करनी होंगी ये 10 शर्तें
कर्नाटक के यादगीर जिला प्रशासन ने आरएसएस को मल्लिकार्जुन खरगे के गृह क्षेत्र गुरमितकल में पथ संचलन की सशर्त अनुमति दी है। यह कार्यक्रम 31 अक्टूबर को होगा। प्रशासन ने 10 सख्त शर्तें लगाई हैं, जिनमें सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुंचाना और धार्मिक भावनाओं को आहत न करना शामिल है। यह अनुमति ऐसे समय में दी गई है जब राज्य में आरएसएस की गतिविधियों को लेकर राजनीतिक विवाद चल रहा है।

आरएसएस को सशर्त अनुमति मिली
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक के यादगीर जिला प्रशासन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के गृह क्षेत्र गुरमितकल में पथ संचलन की सशर्त अनुमति दे दी है। यह कार्यक्रम 31 अक्टूबर को आयोजित होगा।
जिला उपायुक्त हर्षल बोयाल ने यह अनुमति जारी की, जिसके तहत जुलूस नरेंद्र राठौड़ लेआउट से शुरू होकर सम्राट सर्कल, बसवेश्वर सर्कल, हनुमान मंदिर, कुम्बरवाडी, मिलन चौक और सीहीनीरू बावी मार्केट मेन रोड से होते हुए राम नगर में समाप्त होगा।
आरएसएस को सशर्त अनुमति मिली
यह अनुमति 23 अक्टूबर को आरएसएस के जिला प्रचार प्रमुख बसप्पा संजनोल द्वारा दिए गए आवेदन के बाद दी गई। प्रशासन ने कार्यक्रम के लिए 10 सख्त शर्तें लगाई हैं। सार्वजनिक या निजी संपत्ति को किसी भी तरह की क्षति नहीं पहुंचनी चाहिए और किसी भी नुकसान की भरपाई आयोजकों को करनी होगी। केवल तय मार्ग पर ही पथ संचलन किया जा सकेगा।
कोई भी नारा, गीत या भाषण ऐसा नहीं होना चाहिए जो धार्मिक या जातीय भावनाओं को आहत करे। किसी प्रकार की हिंसा या शांति भंग करने वाले कार्य पर सख्त पाबंदी होगी। सड़कें अवरुद्ध नहीं की जाएंगी और दुकानों को जबरन बंद नहीं कराया जा सकेगा। किसी भी प्रतिभागी को हथियार या लाठी ले जाने की अनुमति नहीं है। जुलूस के दौरान पर्याप्त पुलिस बल तैनात रहेगा।
31 अक्टूबर को होगा पथ संचलन
किसी भी शर्त के उल्लंघन पर आयोजकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।यह अनुमति ऐसे समय में दी गई है जब कर्नाटक में आरएसएस की गतिविधियों को लेकर राजनीतिक विवाद गहराया हुआ है। राज्य मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष के बेटे प्रियंक खरगे ने हाल ही में मुख्यमंत्री सिद्दरमैया को पत्र लिखकर सरकारी व अनुदानित स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर आरएसएस शाखाओं पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।
कर्नाटक में राजनीतिक विवाद जारी
प्रियांक खरगे ने अपने पत्र में आरोप लगाया था कि आरएसएस बच्चों और युवाओं के मन में नकारात्मक विचार भरता है। उन्होंने यह भी कहा था कि सरकारी कर्मचारी यदि संघ की गतिविधियों में भाग लेते हैं तो उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए। इसके बाद राज्य मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया कि किसी भी संगठन को सरकारी परिसर या सार्वजनिक संपत्ति पर कार्यक्रम आयोजित करने से पहले प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।
वहीं, कर्नाटक हाई कोर्ट ने गुरुवार को आरएसएस के कलबुर्गी संयोजक अशोक पाटिल को निर्देश दिया कि वे पांच नवंबर को महाधिवक्ता कार्यालय में जिला अधिकारियों से मिलकर कलबुर्गी जिले के चित्तपुर शहर में प्रस्तावित पथ संचलन पर चर्चा करें। अदालत ने उम्मीद जताई कि इस बैठक से समाधान का रास्ता निकलेगा और आदेश दिया कि आगे की कार्यवाही के लिए मामले की सुनवाई सात नवंबर को फिर से की जाए।

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