नेतृत्व करने वाले समाज का निर्माण चाहता है संघ, एक लाख हिंदू समितियों बनाएगा; पढ़ें पूरा प्लान
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) हिंदू समितियों के माध्यम से नेतृत्व करने में सक्षम समाज बनाना चाहता है। संघ शिक्षा, संस्कृति, सेवा और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में समितियों का गठन कर रहा है। RSS नेतृत्व विकास और हिंदू मूल्यों के प्रचार पर जोर देता है, जिसका लक्ष्य हिंदू समाज को एकजुट करना है ताकि समाज अपनी समस्याओं का समाधान कर सके।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने शताब्दी वर्ष में हिंदुओं को एकजुट रखने और समाज का कुशल नेतृत्व करने के लिए देशभर में एक लाख हिंदू सम्मेलन समितियों का गठन करेगा, ताकि लव जिहाद, मतांतरण या अन्य सामाजिक समस्याओं का निपटारा स्थानीय स्तर पर ही किया जा सके।
इसके लिए ग्राम पंचायत, बस्ती, मंडल से लेकर शहर, जिला, संभाग, प्रांत स्तर पर 13 सदस्यीय समितियों का गठन किया जाएगा। इन समितियों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष समाज के विशिष्टजन को बनाया जाएगा। वहीं, सचिव की जिम्मेदारी संघ के स्वयंसेवक या पदाधिकारी संभालेंगे। ये समितियां 20 दिसंबर से 20 जनवरी, 2026 के बीच हिंदू सम्मेलन आयोजित करेंगी।
हिंदू सम्मेलन समितियों के गठन का निर्णय
हिंदू सम्मेलन समितियों के गठन का यह निर्णय जबलपुर में गुरुवार से आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में लिया गया है। संघ की कार्यपद्धति में अब तक दैनिक शाखाओं के जरिये स्वयंसेवक निर्माण और समाज में संस्कार देना था लेकिन अगले चरण में हिंदू समितियों का गठन कर संघ समाज को एकजुट रखने से लेकर सामाजिक समस्याओं के निराकरण की जिम्मेदारी समाज के लोगों को ही सौंपना चाहता है।
भविष्य के दृष्टिकोण से यह संघ की व्यापक और क्रांतिकारी तैयारी है। इस बैठक में हिंदू सम्मेलनों की कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की गई। यह बैठक शनिवार को समाप्त होगी।
समाज के हर वर्ग की होगी भागीदारी
इन समितियों में समाज के हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। प्रत्येक समिति में वंचित वर्ग (एससी-एसटी) के सदस्य भी शामिल रहेंगे। इन समितियों के सदस्यों और पदाधिकारियों को संघ शिक्षा वर्ग की तरह प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इसके लिए संघ परिचय वर्ग का पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है।
मातृशक्ति को भी मिलेगा स्थान
समाज के हर मामले में महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाली इन समितियों में मातृशक्ति को भी शामिल किया जाएगा। सभी वर्ग से एक-एक मातृशक्ति समिति की सदस्य या पदाधिकारी बनाई जा सकती हैं। ये समितियां हिंदू सम्मेलन का भी आयोजन करेंगी, जिसमें मुख्य वक्ता संघ पदाधिकारी होंगे और मुख्य अतिथि सामाजिक-आर्थिक या अन्य किसी भी क्षेत्र के विशिष्टजन को बनाया जा सकता है।
नेतृत्व क्षमता का विकास
संघ हिंदू सम्मेलनों के माध्यम से एक ऐसे समाज का निर्माण करना चाहता है, जो राष्ट्र और समाज की रक्षा के लिए नेतृत्व करने में सक्षम हो। इन हिंदू सम्मेलनों का उद्देश्य सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी आचरण और नागरिक कर्तव्यों पर जोर देना भी है। इससे देश के लिए एक जिम्मेदार और एकजुट समाज का निर्माण हो सकेगा।

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