'औरंगजेब जैसी मानसिकता देश के लिए खतरा', RSS सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने और क्या कहा?
आरएसएस सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि आक्रांता हमारे आदर्श नहीं हो सकते। उन्होंने औरंगजेब की मानसिकता को देश के लिए खतरा बताया और दारा शिकोह को भारतीय मूल्यों के अनुरूप माना। उन्होंने राम मंदिर को पूरे समाज की उपलब्धि बताया और धर्म आधारित आरक्षण को संविधान विरोधी कहा। मुसलमानों से सौहार्दपूर्ण संबंधों पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सभी को भारत की सांस्कृतिक विरासत से प्रेरणा लेनी चाहिए।

नीलू रंजन, जागरण, नई दिल्ली। औरंगजेब पर चल रहे विवाद और उसकी कब्र को लेकर नागपुर में हुई हिंसा के बीच आरएसएस ने साफ कर दिया है कि आक्रांता कभी भी हमारे आदर्श नहीं हो सकते हैं। आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के अनुसार आक्रांताओं जैसी मानसिकता वाले लोग देश के लिए खतरा हैं।
होसबाले ने साफ कर दिया कि धर्म के आधार पर आरक्षण बाबा साहब अंबेडकर के संविधान के खिलाफ है। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर बनने का आरएसएस के बजाय पूरे समाज की उपलब्धि बताया।
दारा शिकोह को लेकर क्या बोले होसबाले?
बेंगलुरू में आरएसएस के अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक के संपन्न होने के बाद दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि दो भी भारतीय मूल्यों और यहां के सांस्कृतिक विरासत को खत्म करना चाहता है वह आक्रांता है और भारतीय उसे अपना आर्दश नहीं मान सकते हैं। उन्होंने साफ किया कि दारा शिकोह भारतीय मूल्यों के अनुरूप फिट बैठते हैं, जबकि औरंगजेब ने उसके खिलाफ काम किया। शाह ने औरंगजेब जैसे आक्रांता को आदर्श मानने वाली मानसिकता के प्रति आगाह करते हुए करते कहा कि ऐसे लोग भारत के लिए खतरा हैं।
होसबाले ने यह भी साफ कर दिया कि सिर्फ अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले ही स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे, बल्कि मध्यकाल में विदेशी आक्रांताओं के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले भी स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहे थे। इस सिलसिले में उन्होंने राणा प्रताप का नाम लिया।
सामाजिक सौहार्द कायम करने के सिलसिले में मुसलमानों के प्रति आरएसएस के विचार के बारे में पूछे जाने पर होसबाले ने कहा कि हिंदू केवल एक धर्म नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रवादी अभिव्यक्ति के साथ-साथ सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सभ्यतागत अभिव्यक्ति भी है।
इतिहास, संस्कृति और सभ्यता से लेना होगा प्रेरणा: दत्तात्रेय होसबाले
दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि सौहार्द पूर्ण समाज के निर्माण के लिए सभी लोगों को यहां के इतिहास, संस्कृति, सभ्यता और राष्ट्रीय आदर्शों से प्रेरणा लेना होगा और आरएसएस इसके लिए प्रयास कर रहा है। इस सिलसिले में उन्होंने सरसंघचालक मोहन भागवत के अल्ससंख्यक समुदाय के साथ सैंकड़ों बैठकों का हवाला दिया।
कर्नाटक में ठेकों में मुसलमानों के लिए चार फीसद आरक्षण के सवाल पर दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि इसके पहले कई राज्यों ने इस तरह के प्रयास हो चुके हैं। लेकिन संविधान के विरूद्ध होने के कारण यह लागू नहीं हो सका। धर्म के आधार पर आरक्षण देने की कोई भी कोशिश संविधान निर्माताओं की भावनाओं के खिलाफ है।
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