RSS@100: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सौ वर्षों की यात्रा के प्रमुख पड़ाव, पूरा सफर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर रहा है। विजयदशमी पर संघ 101वें वर्ष में प्रवेश करेगा। 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने इसकी स्थापना की थी। समय-समय पर संघ ने कई महत्वपूर्ण पड़ाव देखे जिनमें स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेना विभिन्न सामाजिक संगठनों की स्थापना और आपातकाल के दौरान भूमिका शामिल है। आरएसएस का भारतीय राजनीति और समाज पर गहरा प्रभाव रहा है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 पूरे हो रहे हैं। विजयदशमी के दिन संघ 100 वर्षों की यात्रा पूरी कर 101वें वर्ष में प्रवेश कर जाएगा। आइए जानते हैं 1925 से 2025 तक की संघ की यात्रा।
1925: डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने 27 सितंबर को की स्थापना की घोषणा।1926: 17 अप्रैल को संगठन को अपना नाम 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ' मिला।1926: 28 मई को नागपुर के मोहितेवाड़ा मैदान में पहली नित्य शाखा शुरू हुई।1927: मई में ओटीसी नाम से पहला विशेष प्रशिक्षण शिविर शुरू हुआ। 1928: मार्च में पहला दीक्षा समारोह 'प्रतिज्ञा' आयोजित किया गया।1929: नवंबर में डा. हेडगेवार को सरसंघचालक नियुक्त किया गया।1930: कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज की घोषणा की।
हेडगेवार ने सभी शाखाओं को 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने का निर्देश दिया। हेडगेवार ने कई स्वयंसेवकों के साथ जंगल सत्याग्रह में भाग लिया और गिरफ्तार हुए। खाकी टोपी की जगह 'गणवेश' के हिस्से के रूप में काली टोपी को शामिल किया गया। 1940: ब्रिटिश सरकार ने संघ की 'गणवेश' और रूट मार्च पर प्रतिबंध लगाया। 21 जून को हेडगेवार का निधन।
माधव सदाशिव गोलवलकर दूसरे सरसंघचालक बने।1947: केन्या में संघ की स्थापना। 'आर्गनाइजर' और 'पांचजन्य' पत्रिकाएं प्रकाशित की गईं।1948: महात्मा गांधी की हत्या के बाद आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया गया। माधव सदाशिव गोलवलकर और हजारों स्वयंसेवकों को गिरफ्तार किया गया। 1949: 12 जुलाई, 1949 को प्रतिबंध हटा। संघ का संविधान तैयार हुआ। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की स्थापना की गई। 1950: अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की पहली बैठक मार्च में हुई।
1952: गोहत्या पर प्रतिबंध की मांग को लेकर राष्ट्रव्यापी गोरक्षा आंदोलन शुरू हुआ। वनवासी कल्याण आश्रम की स्थापना। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भारतीय जनसंघ की स्थापना की।1954: स्वयंसेवकों ने दादरा और नगर हवेली को पुर्तगाली नियंत्रण से मुक्त कराने में भाग लिया।1955: भारतीय मजदूर संघ की स्थापना हुई।1963: 3,000 स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश व बैंड के साथ गणतंत्र दिवस परेड में भाग लिया।1964: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की स्थापना हुई।1973: पांच जून को माधव सदाशिव गोलवलकर का निधन।
छह जून को मधुकर दत्तात्रेय देवरस को सरसंघचालक नियुक्त किया गया।1975: 25 जून को आपातकाल लागू। चार जुलाई को आरएसएस पर दूसरी बार प्रतिबंध। देवरस गिरफ्तार। आपातकाल के विरुद्ध अखिल भारतीय लोक संघर्ष समिति की स्थापना। 1977: भारतीय जनसंघ का नवगठित जनता पार्टी में विलय। सरकार ने 22 मार्च को संघ पर से प्रतिबंध हटा लिया।
जयप्रकाश नारायण ने तीन नवंबर को पटना में संघ बैठक को संबोधित किया।1978: दीन दयाल शोध संस्थान की स्थापना।1980: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का गठन।1981: संस्कार भारती की स्थापना।1992: बाबरी ढांचा के विध्वंस के बाद 10 दिसंबर को आरएसएस पर फिर प्रतिबंध। 1993: चार जून को प्रतिबंध हटा।
अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद की स्थापना। 1994: राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) 15 मार्च को आरएसएस के चौथे सरसंघचालक नियुक्त। 2000: केएस सुदर्शन 11 मार्च को आरएसएस के पांचवें सरसंघचालक नियुक्त। 2009: डॉ. मोहन भागवत को सरसंघचालक नियुक्त। सुरेश भैयाजी जोशी सरकार्यवाह चुने गए। 2016: स्वयंसेवकों की वर्दी में भूरे रंग की पतलून को शामिल किया। 2021: दत्तात्रेय होसबाले सरकार्यवाह चुने गए।
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