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    RSS के तमिलनाडु सरकार पर हाई कोर्ट के आदेशों की अनदेखी करने के आरोप, रूट मार्च की अनुमति देने से किया था इनकार

    सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को राज्य के विभिन्न जिलों में 19 अथवा 26 नवंबर को मार्च निकालने के लिये मंजूरी देने पर विचार करने को कहा है। लेकिन सरकार इजाजत देने के मूड में नहीं है। जिसको लेकर आरएसएस के वकील ने तमिलनाडु सरकार पर कोर्ट के आदेश को न मानने का आरोप लगाया है।

    By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Wed, 08 Nov 2023 09:05 AM (IST)
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    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का रूट मार्च (फाइल फोटो)

    पीटीआई, चेन्नई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) तमिलनाडु में 19 अथवा 26 नवंबर को मार्च निकालने वाली है। इस मार्च के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सबसे पहले तमिलनाडु सरकार से इजाजत मांगी थी। तमिलनाडु सरकार ने आरएसएस को इस मार्च के लिए अनुमति नहीं दी जिसके बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कोर्ट का रुख किया। उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने तमिलनाडु सरकार से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को राज्य के विभिन्न जिलों में 19 अथवा 26 नवंबर को मार्च निकालने के लिये मंजूरी देने पर विचार करने को कहा है। लेकिन सरकार इजाजत देने के मूड मैं नहीं है।

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    इस बीच आरएसएस के वकील ने तमिलनाडु सरकार पर कोर्ट के आदेश को न मानने का आरोप लगाया है। वकील ने कहा, "तमिलनाडु सरकार ने जानबूझकर आरएसएस रूट मार्च को अनुमति देने से इनकार कर दिया और देरी से अदालत की अवमानना होगी।"

    उच्च न्यायालय के आदेश की हुई अवहेलना

    आरएसएस के वकील कार्तिक ने कहा, "हमने पहले ही उन सभी अधिकारियों के खिलाफ अवमानना ​​याचिका दायर की थी जिन्होंने हमारी रैली की अनुमति देने से इनकार करके उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना की थी। अब, सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास उच्च न्यायालय के आदेशों की पुष्टि की है, अगर वे अब रैली आयोजित करने के लिए कोई आदेश पारित नहीं करते हैं 19 या 26 नवंबर को उन्हें निश्चित रूप से न्यायालय अवमानना अधिनियम का परिणाम भुगतना पड़ेगा।"

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