सामाजिक कार्यकर्ता सईदा हमीद की टिप्पणी पर विवाद, असम के सीएम बोले- पहचान बचाने के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने सामाजिक कार्यकर्ता सईदा हमीद पर बांग्लादेशियों के असम में रहने की बात कहने पर तीखा हमला किया। रिजीजू ने सईदा पर भ्रामक जानकारी देने का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें अवैध घुसपैठियों का समर्थन नहीं करना चाहिए।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने सामाजिक कार्यकर्ता सईदा हमीद पर बांग्लादेशियों के असम में रहने की बात कहने पर तीखा हमला किया है। रिजीजू ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी की करीबी मानी जाती रहीं सईदा पर ''मानवता के नाम पर'' लोगों को भ्रामक जानकारी देने का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें अवैध घुसपैठियों का समर्थन नहीं करना चाहिए।
वहीं, हिमंत ने कहा कि ऐसी ही टिप्पणियों से घुसपैठियों को वैधता दी जाती है और ''असम को पाकिस्तान का हिस्सा बनाने के जिन्ना के सपने को साकार करने'' की कोशिश करती नजर आती हैं। असम घुसपैठियों के लिए नहीं है, न अब, न कभी।
सईदा हमीद की टिप्पणी पर बवाल
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू ने सोमवार को सईदा हमीद की टिप्पणी पर इंटरनेट मीडिया पोस्ट में कहा, ''मानवता के नाम पर भ्रामक। यह हमारी भूमि और पहचान का मामला है। सईदा हमीद भले ही सोनिया गांधी और राहुल गांधी के करीब हों, लेकिन उन्हें अवैध प्रवासियों का समर्थन नहीं करना चाहिए।''
रिजीजू के साझा किए वीडियो में सईदा हमीद कहते हुए दिखाई दे रही हैं, ''बांग्लादेशी होने में क्या गलत है? बांग्लादेशी भी इंसान हैं और दुनिया बहुत बड़ी है, वे भारत में रह सकते हैं। यह कहना कि वे किसी के अधिकारों से वंचित कर रहे हैं, परेशान करने वाला, अत्यंत शरारती और मानवता के लिए हानिकारक है।''
हिमंता सरमा ने बोला हमला
रिजीजू ने आरोप लगाया कि कांग्रेस व राजद बिहार के लोगों के अधिकारों को अवैध प्रवासियों को देने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि वे अपने वोट बैंक को बढ़ा सकें। सईदा कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान तत्कालीन योजना आयोग की सदस्य थीं। असम के मुख्यमंत्री सरमा ने बांग्लादेशी घुसपैठियों के संबंध में कहा कि उनकी सरकार राज्य की जनसंख्या को बदलने के किसी भी प्रयास को सहन नहीं करेगी।
सरमा ने कहा, ''बांग्लादेशियों का असम में स्वागत नहीं है, यह उनकी भूमि नहीं है।'' उन्होंने कहा कि असम के लोगों की पहचान विलुप्त होने के कगार पर है, क्योंकि हमीद जैसे लोगों का मौन समर्थन है, जिन्हें उन्होंने गांधी परिवार का करीबी सहयोगी बताया।
सरमा ने भी एक पोस्ट में कहा, ''गांधी परिवार के करीबी सईदा हमीद जैसे लोग घुसपैठियों को वैधता प्रदान करते हैं, क्योंकि वे जिन्ना के सपने को असम को पाकिस्तान का हिस्सा बनाने की कोशिश करते हैं।'' उन्होंने कहा कि हम लचित बर्फुकन के बेटे और बेटियां हैं। हम अपने राज्य और अपनी पहचान को बचाने के लिए अपने खून की अंतिम बूंद तक लड़ेंगे।'
(न्यूज एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)
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