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    राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका, भारत का भाग्य और उसकी तस्वीर बदलने में सक्षम हैं देश के युवा

    By Sanjay PokhriyalEdited By:
    Updated: Mon, 22 Aug 2022 10:30 AM (IST)

    राष्ट्र को विकसित बनाने में युवाओं की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भागीदारी हो सकती है। आगामी 25 वर्षो में भारत को विकसित देशों की श्रेणी में शामिल करने के लिए युवाओं को आगे आना होगा। प्रधानमंत्री का भाषण आजादी के अमृत काल में युवाओं के लिए पथ-प्रदर्शक का कार्य करेगा।

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    भारत का भाग्य और उसकी तस्वीर बदलने में सक्षम हैं देश के युवा। फाइल

    राजू बिष्ट। भारत विकसित राष्ट्र कैसे बनेगा? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लाल किले की प्राचीर से दिए गए भाषण में इसकी पूरी झलक दिखती है। प्रधानमंत्री ने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का जो रोडमैप साझा किया, उसे धरातल पर उतारने की पहली जिम्मेदारी देश के युवाओं की है। कहते हैं, जिस ओर जवानी चलती है, उस ओर जमाना चलता है। दुनिया में जहां भी बदलाव हुए हैं, वहां तरुणाई ने हमेशा नेतृत्व किया है।

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    आज जब हम आजादी के अमृत काल में प्रवेश कर चुके हैं तो यह पिछले 75 वर्षो में देश के संकल्पों को पूरा करने वाले सभी लोगों के योगदान का स्मरण करने का अवसर है। साथ ही अमृत काल के आने वाले 25 वर्षो पर अपनी शक्ति और सामथ्र्य को केंद्रित भी करना है। तभी वर्ष 2047 में एक शक्तिशाली और विकसित राष्ट्र का सपना साकार होगा।

    भारत लोकतंत्र की जननी है। देश की विविधता ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। हमें अपनी विविधता को सबसे बड़ी ताकत बनाते हुए देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए जी-जान से जुटना होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल की यह बड़ी उपलब्धि रही है कि देशवासियों में भारतीयता की सामूहिक चेतना का पुनर्जागरण हुआ है। इसी सामूहिक चेतना के कारण भारत के विकसित राष्ट्र का संकल्प और मजबूत हो रहा है। आज जन कल्याण से जग कल्याण की राह पर चलने वाला भारत पहला राष्ट्र है। आज समूचा विश्व भारत की तरफ गर्व और अपेक्षा से देख रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व और त्वरित निर्णय शक्ति के कारण आज दुनिया के शक्तिशाली देश भी तमाम समस्याओं के समाधान के लिए भारत को मार्गदर्शक के तौर पर देखने लगे हैं।

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भूमिका केवल एक राजनेता तक सीमित नहीं है। प्रधान सेवक के साथ ही वह देश के पथ-प्रदर्शक और समाज सुधारक भी हैं। पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने तमाम अभियानों के जरिए देश में समाज सुधार की क्रांति जगाई है। आगामी 25 वर्षो के दौरान हमें भारत को विकसित देश बनाने पर पूरा ध्यान केंद्रित करना होगा। प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से देश को दो बड़ी चुनौतियों के प्रति आगाह किया। पहली चुनौती भ्रष्टाचार और दूसरी भाई-भतीजावाद व परिवारवाद। वर्ष 2014 से पहले भ्रष्टाचार की खबरों से समाचार-पत्र भरे रहते थे। लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी ने कार्यसंस्कृति में आमूलचूल परिवर्तन किया। डीबीटी (डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर) स्कीम से सरकारी योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ जनता तक पहुंचने लगा। यही कारण है कि आज भ्रष्टाचारियों को केंद्र में ईमानदार सरकार बरदाश्त नहीं हो रही है। मोदी सरकार के विरुद्ध तरह-तरह के षड्यंत्र रचे जा रहे हैं। ऐसे लोगों के टूलकिट भी एक्सपोज हो चुके हैं।

    नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से देश की राजनीति में परिवारवाद पर करारा प्रहार हुआ है। राजनीति अब चंद घरानों की बपौती नहीं रही। आज एक सामान्य परिवार का युवा भी यदि सांसद बना पाया है तो यह जमीन से उठाकर जिम्मेदारी देने की भाजपा की विशेष कार्यपद्धति और प्रधानमंत्री मोदी की देन है। मोदी एक चिंतक भी हैं। उनके भाषणों में उनका चिंतन स्पष्ट रूप से झलकता है। आम तौर पर, लाल किले की प्राचीर से संबोधन में प्रधानमंत्री देश की उपलब्धियों की चर्चा परंपरागत रूप से करते रहे हैं, लेकिन नरेन्द्र मोदी ने हर संबोधन में कुछ नई बात, कुछ नई अपील की है। उन्होंने लैंगिक समानता को सामाजिक एकता की पहली शर्त बताते हुए समाज की उस विकृति की तरफ जनता का ध्यान खींचा, जिसमें वाणी और व्यवहार से जाने-अनजाने में नारी के अपमान की घटनाएं होती हैं। आजादी के अमृत काल में देश के हर युवा को नारी को अपमानित करने वाली हर बात से मुक्ति का संकल्प लेना होगा। नारी का गौरव राष्ट्र के सपने पूरे करने में बहुत बड़ी पूंजी बनने वाला है।

    जय अनुसंधान : कोई राष्ट्र तभी शक्तिशाली बन सकता है, जब अनुसंधान पर जोर दिया जाए। अमेरिका आदि विकसित राष्ट्रों की तुलना में अभी भारत में अनुसंधान को उतना महत्व नहीं मिल पाया है। लाल बहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान- जय किसान’ के नारे से देश को एक नई दिशा दी थी तो अटल बिहारी वाजपेयी ने इसमें ‘जय विज्ञान’ की कड़ी जोड़कर इस नारे को और सार्थक किया था। विज्ञान के साथ अब अनुसंधान की आवश्यकता महसूस करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसमें ‘जय अनुसंधान’ जोड़ा है।

    भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए अनुसंधान पर बड़े पैमाने पर जोर देना होगा। जय जवान जय किसान जय विज्ञान और जय अनुसंधान के दम पर ही भारत विकसित राष्ट्र बन सकेगा। आज देश में नवाचार को प्रोत्साहन मिल रहा है। आज विश्व में रियल टाइम 40 प्रतिशत डिजिटल फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन हो रहा है तो वह केवल भारत में हो रहा है। यूपीआइ जैसे नवाचार से यह संभव हुआ है। निश्चित रूप से यह कहा जा सकता है कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में देश के युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है। लाल किले की प्राचीर से दिया गया प्रधानमंत्री का भाषण, आजादी के अमृत काल में युवाओं के लिए पथ-प्रदर्शक का कार्य करेगा।

    [लोकसभा सदस्य, भाजपा]