Move to Jagran APP

रोहणी आयोग ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी अपनी रिपोर्ट, जानिए आखिर क्यों गठित किया गया कमीशन

रोहणी आयोग ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को सौंप दी है। आयोग ने अपनी सिफारिशों में क्या-क्या कहा है इसकी आधिकारिक जानकारी अभी सामने नहीं आई है। दिल्ली हाई कोर्ट की सेवानिवृत मुख्य न्यायाधीश जी रोहणी इस आयोग की अध्यक्ष हैं। समाज कल्याण मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि 13 बार कार्यकाल बढ़ाये जाने के बाद इस आयोग ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarPublished: Tue, 01 Aug 2023 11:39 PM (IST)Updated: Tue, 01 Aug 2023 11:39 PM (IST)
रोहणी आयोग ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को सौंप दी है।(फोटो सोर्स: जागरण)

नई दिल्ली, पीटीआई। अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के उपवर्गीकरण के लिए गठित रोहणी आयोग ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को सौंप दी है। आयोग ने अपनी सिफारिशों में क्या-क्या कहा है, इसकी आधिकारिक जानकारी अभी सामने नहीं आई है। ओबीसी के उपवर्गीकरण के परीक्षण के लिए अक्टूबर, 2017 की एक अधिसूचना के जरिये अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये यह आयोग गठित किया गया था।

loksabha election banner

आखिर क्या मिली थी आयोग को जिम्मेदारी?

दिल्ली हाई कोर्ट की सेवानिवृत मुख्य न्यायाधीश जी रोहणी इस आयोग की अध्यक्ष हैं। समाज कल्याण मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि 13 बार कार्यकाल बढ़ाये जाने के बाद इस आयोग ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी। 

जानें आखिर क्या है उप वर्गीकरण के पीछे का विचार

आयोग को ओबीसी की केंद्रीय सूची में विभिन्न विवरणों का अध्ययन करने का जिम्मा दिया गया था। उसे किसी भी पुनरावृति, अस्पष्टता, विसंगति, वर्तनी या प्रतिलेखन की त्रुटियों को सुधारने, ओबीसी के बीच आरक्षण के लाभों के असमान वितरण का पता लगाने तथा इन विभिन्न खामियों को वैज्ञानिक ढंग से दूर करने के लिए प्रणाली, मापदंड आदि तैयार करने का भी जिम्मा दिया गया था। उप वर्गीकरण के पीछे का विचार विभिन्न ओबीसी समुदायों के बीच आरक्षण लाभों का समान वितरण सुनिश्चित करना है।

कमजोर जातियों के अधिकारों को हड़प लेती हैं मजबूत जातियां

शिकायत यह रहती है कि मजबूत जातियां अपने अच्छे आर्थिक और शैक्षिक स्तर के कारण बेहतर प्रतिस्पर्धी क्षमताओं के दम पर कमजोर जातियों के हिस्से के आरक्षण लाभों को हड़प लेती हैं। हालांकि, उम्मीद की जाती है कि पिछड़े वर्ग के लिए तयशुदा 27 प्रतिशत आरक्षण का हिस्सा हर उप-समूह को उचित मात्रा में मिले।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.