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    स्पैडेक्स Mission के लिए ISRO तैयार, लॉन्चिंग पैड पर पहुंचा रॉकेट; पढ़ें इस मिशन से भारत को मिलेगा कितना फायदा

    Updated: Sun, 22 Dec 2024 07:49 AM (IST)

    देश के स्पैडेक्स मिशन के राकेट पीएसएलवी-सी60 को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) के लांचिंग पैड पर पहुंचा दिया गया है। स्पैडेक्स अंतरिक्षयान का एकीकरण भी पूरा हो गया है। अंतरिक्षयान भी एसडीएससी में पहुंच चुका है। इसरो 30 दिसंबर को स्पैडेक्स को लांच कर सकता है। इसरो ने स्पैडेक्स के दो अंतरिक्षयानों की पहली तस्वीर भी जारी की।

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    लॉन्चिंग पैड पर पहुंचा रॉकेट पीएसएलवी-सी60 (फोटो-एक्स)

    पीटीआई, बेंगलुरु। भारत एक और कीर्तिमान रचने को तैयार है। देश के 'स्पैडेक्स' मिशन के रॉकेट पीएसएलवी-सी60 को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) के 'लांचिंग पैड' पर पहुंचा दिया गया है। स्पैडेक्स अंतरिक्षयान का एकीकरण भी पूरा हो गया है। अंतरिक्षयान भी एसडीएससी में पहुंच चुका है। इसरो 30 दिसंबर को 'स्पैडेक्स' को लांच कर सकता है।

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    मिशन में सफलता हासिल करने के साथ ही भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद अंतरिक्ष 'डाकिंग' प्रौद्योगिकी में सक्षम दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। इसरो ने शनिवार को स्पैडेक्स के दो अंतरिक्षयानों की पहली तस्वीर भी जारी की।

    अंतरिक्ष डाकिंग तकनीक में मिलेगी मदद

    इस मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यान को 'डाक' और 'अनडाक' करने की क्षमता को प्रदर्शित करना है। एक अंतरिक्षयान से दूसरे अंतरिक्षयान के जुड़ने को डाकिंग और अंतरिक्ष में जुड़े दो यानों के अलग होने को अनडाकिंग कहते हैं। स्पैडेक्स मिशन से भारत को अंतरिक्ष डाकिंग तकनीक में महारत हासिल करने में मदद मिलेगी। यह प्रौद्योगिकी भारत के महत्वाकांक्षी मिशनों जैसे चंद्रमा से नमूने वापस लाने, भारतीय अंतरिक्ष केंद्र (बीएएस) के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है।

    ISRO ने एक्स पर किया पोस्ट 

    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को एक्स पर पोस्ट किया, प्रक्षेपण यान को एकीकृत कर दिया गया है। अब उपग्रहों को इसपर स्थापित करने तथा प्रक्षेपण की तैयारियों के लिए इसे पहले 'लांचिंग पैड' पर ले जाया गया है। 'स्पैडेक्स' पीएसएलवी राकेट द्वारा प्रक्षेपित दो छोटे अंतरिक्षयानों का उपयोग करके 'अंतरिक्ष में डाकिंग' के प्रदर्शन के लिए लागत प्रभावी प्रौद्योगिकी को प्रदर्शित करने का मिशन है। अंतरिक्ष में 'डाकिंग' की तब जरूरत होती है जब साझा मिशन उद्देश्यों को हासिल करने के लिए कई राकेट प्रक्षेपित करने की जरूरत होती है।

    कब तक होगा प्रक्षेपण?

    नौ दिसंबर को पीएसएलवी-सी59 मिशन के सफल प्रक्षेपण के बाद इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा था, इसरो पीएसएलवी-सी60 मिशन के तहत स्पैडेक्स नामक अंतरिक्ष डाकिंग मिशन को लांच करेगा। राकेट तैयार है। प्रक्षेपण इसी महीने होने की उम्मीद है। इसरो के मुताबिक स्पैडेक्स मिशन के तहत दो छोटे अंतरिक्ष यान (प्रत्येक का वजन लगभग 220 किग्रा) पीएसएलवी-सी60 राकेट से एक साथ, 55 डिग्री झुकाव पर 470 किमी वृत्ताकार कक्षा में प्रक्षेपित किए जाएंगे।

    अंतरिक्षयात्रियों के प्रशिक्षण के लिए सहयोग करेंगे इसरो और ईएसएअंतरिक्षयात्रियों के प्रशिक्षण, अंतरिक्ष मिशन और अनुसंधान से संबंधित गतिविधियों में सहयोग के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के साथ समझौता किया है।

    इसरो के अध्यक्ष ने किए हस्ताक्षर

    भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने शनिवार को कहा, समझौते पर इसरो के अध्यक्ष डा. एस. सोमनाथ और ईएसए के महानिदेशक डा. जोसेफ एशबैकर ने हस्ताक्षर किए। इसके तहत अंतरिक्षयात्रियों के प्रशिक्षण, अंतरष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) पर ईएसए केंद्रों के उपयोग, मानव और जैव चिकित्सा अनुसंधान प्रयोग जैसे क्षेत्रों में सहयोग किया जाएगा।