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    'बच्चों को माओवादियों ने थमा दी थीं बंदूकें, अब हाथों में किताबें हैं', छत्तीसगढ़ में माओवादी प्रभावित क्षेत्र में गरजे अमित शाह

    Updated: Tue, 24 Jun 2025 05:54 AM (IST)

    गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ दौरे पर माओवाद प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों और युवाओं से मुलाकात की, शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सुरक्षा बलों से संवाद करते हुए 31 मार्च 2026 तक देश से माओवाद को खत्म करने का लक्ष्य रखा। शाह ने शहीद एएसपी आकाश राव गिरिपुंजे के परिवार से भी मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि माओवाद ने आदिवासी क्षेत्रों का विकास रोका है और इसे खत्म करना आजादी के बाद के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में से एक होगा।  

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    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, जेएनएन, रायपुर। छत्तीसगढ़ दौरे के दूसरे दिन सोमवार को नवा रायपुर में गृहमंत्री अमित शाह ने माओवादी हिंसा प्रभावित क्षेत्रों नारायणपुर व बीजापुर से पहुंचे 50 से अधिक बच्चों व युवाओं से मुलाकात की, सुरक्षा बल के जवानों के साथ संवाद किया और अधिकारियों के साथ बैठक भी की।

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    बच्चों और युवाओं से मुलाकात के संबंध में उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि जिन मासूम बच्चों के हाथों में माओवादियों ने कभी बंदूकें थमाई थीं, आज उन्हीं हाथों में किताबें देकर उनका भविष्य संवारा जा रहा है। जब बच्चा बंदूक की जगह पेंसिल पकड़कर क, ख, ग लिखता है, तो न सिर्फ एक क्षेत्र का, बल्कि पूरे देश का भविष्य संवरता है।

    छत्तीसगढ़ सरकार की योजना

    उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की 'लियोर ओयना' (जंगल से निकलकर रोशनी की ओर) योजना के अंतर्गत माओवादी हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों को रायपुर लाकर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है। जवानों को संबोधित करते गृहमंत्री ने कहा कि यहां उपस्थित केंद्रीय सुरक्षा बलों, कोबरा टीम, छत्तीसगढ़ पुलिस बल और डीआरजी के साहस, शौर्य, बलिदान और समर्पण को नमन करता हूं।

    उन्होंने कहा, "मुझे मालूम है कि सेना के जवान जो तय करते हैं, वह हासिल करते हैं। सुरक्षा बलों के इसी भरोसे से मैं 31 मार्च 2026 तक माओवादी हिंसा के खात्मे की फिर घोषणा करता हूं।" शाह बस्तर के नारायणपुर जाने वाले थे, मगर अपरिहार्य कारणों से उनका दौरा रद हो गया।

    माओवादियों से मुक्ति आजादी के बाद के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में एक होगा

    गृह मंत्री ने कहा कि माओवाद गरीब आदिवासी क्षेत्र के लिए बड़ी विभीषिका रहा है। इससे पिछले 35 साल में लगभग 40 हजार लोगों की मौत हुई है, या फिर वे अपाहिज होकर जीवन व्यतीत कर रहे हैं। माओवादी हिंसा ने गरीब आदिवासी तक खाना, बिजली, शिक्षा, घर, शौचालय और पीने का शुद्ध पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं को नहीं पहुंचने दिया। उद्योग को तो भूल ही जाइए।

    उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जब 31 मार्च, 2026 को देश माओवादियों से मुक्त होगा, वह क्षण आजादी के बाद के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में से एक होगा।

    बलिदानी एएसपी आकाश राव के घर पहुंचे शाह

    गृहमंत्री अमित शाह बलिदानी एएसपी आकाश राव गिरिपुंजे के रायपुर स्थित घर पहुंचे और उनके स्वजनों से मुलाकात की। सुकमा में माओवादियों के आइईडी विस्फोट में गत नौ जून को गिरिपुंजे बलिदान हुए थे। शाह ने गहरी संवेदना व्यक्त की और शोकाकुल परिवार को सांत्वना प्रदान की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा भी उपस्थित थे।