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    चावल किसानों के लिए सौगात, अमेरिका-ब्रिटेन समेत 27 देशों में निर्यात में मदद करेगी सरकार

    By RAJEEV KUMAREdited By: Abhishek Pratap Singh
    Updated: Sat, 25 Oct 2025 07:23 PM (IST)

    सरकार चावल किसानों की आय बढ़ाने के लिए 27 देशों में निर्यात का अवसर देगी। एपीडा 80 देशों के खरीदारों और किसानों का सम्मेलन आयोजित करेगा। नई दिल्ली में 30-31 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय चावल सम्मेलन होगा, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के किसान भाग लेंगे। किसानों को कम पानी में खेती करने और नई किस्मों को उगाने की जानकारी दी जाएगी। भारत का लक्ष्य चावल निर्यात को बढ़ावा देना है।

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    चावल किसानों को मौका देगी सरकार।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश के चावल किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार दुनिया के 27 देशों में निर्यात करने का मौका मुहैया कराने की तैयारी कर रही है। वाणिज्य मंत्रालय के तहत काम करने वाली खाद्य निर्यात से जुड़ी एजेंसी कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के मुताबिक भारत ने पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में 12.95 अरब डॉलर के चावल का निर्यात किया था। लेकिन भारत के किसान के लिए दुनिया के 27 प्रमुख देशों में और 20 अरब डॉलर के चावल निर्यात की संभावना है।

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    इस संभावना को हकीकत में बदलने के लिए एपीडा दुनिया के 80 देशों के चावल खरीदारों के साथ देश के सैकड़ों चावल किसानों का एक सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है। 30-31 अक्टूबर को नई दिल्ली में भारत अंतरराष्ट्रीय चावल सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है जिसमें देश के सभी इलाके के चावल किसान हिस्सा ले रहे हैं। सम्मेलन में दुनिया के इन 27 देशों को यह भी दिखाया जाएगा कि उनके देश के व्यंजन के लिए भारत में पैदा होने वाला कौन सा चावल सबसे उपयुक्त है।

    चावल सम्मेलन में किन देशों को किया गया आमंत्रित?

    वैश्विक स्तर पर चावल का बाजार 330 अरब डॉलर का है और दुनिया के चार अरब लोग भोजन के साथ अपनी जीविका के लिए चावल पर निर्भर करते हैं। एपीडा के चेयरमैन अभिषेक देव के मुताबिक वियतनाम, इंडोनेशिया, अमेरिका, जापान, इराक, चीन मलेशिया, ब्रिटेन, फ्रांस जैसे 27 देश भारत के प्रतिद्वंद्वी देशों से बड़ी मात्रा में चावल का आयात करते हैं। इसलिए चावल सम्मेलन में इन देशों को प्रमुख रूप से आमंत्रित किया गया है।

    उदाहरण के लिए ब्रिटेन में केडिग्री डिश मशहूर है तो सम्मेलन में उन्हें बताया जाएगा कि भारत का कालानमक चावल के डिग्री के लिए कैसे उपयुक्त है। वियतनाम के काम चिन डिश के लिए भारत का गोविंदोभोग चावल सबसे उपयुक्त है। सम्मेलन में असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना जैसे चावल उत्पादक राज्य अपनी-अपनी वेराइटी की नुमाइश करेंगे।

    सम्मेलन में किसानों को भी दी जाएगी जानकारी

    एपीडा के मुताबिक सम्मेलन में किसानों को यह भी बताया जाएगा कि कैसे वह कम पानी में चावल की खेती कर सकते हैं और पर्यावरण के हिसाब के चावल की नई-नई वेरायटी उगा सकते हैं। देश के सभी कृषि रिसर्च संस्थाओं के साथ वैश्विक रिसर्च एजेंसियां भी सम्मेलन में भाग ले रही है। विदेश व्यापार महानिदेशालय की तरफ से सम्मेलन में किसानों को निर्यात सुविधा की जानकारी देने के साथ किसानों की मदद भी की जाएगी।

    दुनिया के कुल चावल उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 28 प्रतिशत है। वर्ष 2024-25 में भारत में करीब 470 लाख हेक्टेयर जमीन पर धान की खेती की गई जिससे 15 करोड़ टन चावल का उत्पादन किया गया।

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