राजस्व शब्दावली से बाहर होंगे अरबी-फारसी के शब्द, सरकार ने कर ली तैयारी
भारत सरकार राजस्व शब्दावली से अरबी, फारसी और उर्दू के जटिल शब्दों को हटाने की तैयारी में है। भूमि संसाधन विभाग शब्दावली को सरल बनाकर आम लोगों के लिए सुलभ बनाना चाहता है। इसके लिए एक एकीकृत शब्दावली को 22 अनुसूचित भाषाओं में तैयार करने की योजना है, ताकि भूमि अभिलेखों को आसानी से समझा जा सके। इस दिशा में, राज्यों के साथ मिलकर एक रोडमैप तैयार किया जाएगा।

राजस्व शब्दावली में अरबी, फारसी और उर्दू के ढेरों शब्द
जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। क्या आपकी जमीन पर 'चाह आबनोशी' है। क्या आपका घर 'रहन बाकब्जा' है। क्या आपके 'शजरा परचा' में आपका भी नाम है। शायद यह सवाल आपको उलझा रहे होंगे, क्योंकि बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि 'चाह आबनोशी' का अर्थ है आबादी के लिए पीने के पानी का कुआं, 'रहन बाकब्जा' कब्जे सहित गिरवी को कहते हैं और 'शजरा परचा' वह अभिलेख है जिसमें आपके पूर्वजों से लेकर वर्तमान वंशजों के नाम हैं।
वास्तव में हमारी राजस्व शब्दावली में अरबी, फारसी और उर्दू के ऐसे ढेरों शब्द भरे पड़े हैं, जिनका अर्थ आमजन को नहीं पता। लंबे समय से राजस्व अभिलेखों को जटिल और उलझाऊ बनाए हुए इन शब्दों को राजस्व शब्दावली से बाहर करने के प्रयास अब भारत सरकार के भूमि संसाधन विभाग ने शुरू कर दिए हैं। देश में समय के साथ बहुत कुछ बदल गया, लेकिन सरकारी कामकाज का ढर्रा कछुआ चाल ही पकड़े रहा।
आधुनिकीकरण की दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा
वर्तमान केंद्र सरकार ने ही ब्रिटिश शासनकाल से चली आ रही कानून व्यवस्था में बदलाव करते हुए भारतीय दंड संहिता के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता और दंड प्रक्रिया संहिता की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता को लागू किया। अब इसी तरह राजस्व शब्दावली और राजस्व न्यायालय मामला प्रबंधन प्रणाली के आधुनिकीकरण की दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा है। ऐसे शब्द हों जो समझ में आएं।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला भूमि संसाधन विभाग कई प्रकार के सुधारों के साथ ही अब इसके लिए भी काम करने जा रहा है। शुक्रवार से ही पुणे स्थित यशवंतराव चव्हाण एकेडमी आफ डेवलपमेंट एडमिनिस्ट्रेशन (यशदा) में दो दिवसीय चिंतन शिविर शुरू हुआ है। इसमें राजस्व न्यायालयों में बढ़ते मुकदमों, प्रक्रिया संबंधी देरी और जटिल प्रक्रियाओं से निपटने के मुद्दे पर चर्चा हो रही है।
ब्रिटिश काल से विरासत में मिली समस्या
वर्तमान में चल रही पुरानी भूमि अभिलेख प्रणालियों और प्रक्रियाओं से यह समस्या और भी जटिल होती जा रही है, जो मुख्यत: ब्रिटिश काल से विरासत में मिली है। इसे देखते हुए ही भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि राजस्व न्यायालय मामला प्रबंधन प्रणाली (आरसीसीएमएस) का आधुनिकीकरण करते हुए त्वरित और पारदर्शी बनाया जाए।
इसी क्रम में एकीकृत राजस्व शब्दावली भी सरकार के प्रमुख एजेंडे में है। सरकार का मानना है कि राजस्व शब्दावली बहुत पुरानी है। उसमें अरबी-फारसी के अनेक शब्द हैं। उनका अर्थ भूमि से जुड़े पेशेवर ही समझते होंगे। आम जन उनका अर्थ नहीं जानते, फिर भी अब तक वही शब्द प्रचलन में हैं। यदि इन शब्दों को हटाकर शब्दावली का सरलीकरण कर दिया जाए तो उसे सभी लोग समझ सकेंगे।
सिर्फ शब्दावली का सरलीकरण ही नहीं, भूमि संसाधन विभाग एकीकृत शब्दावली को 22 अनुसूचित भाषाओं में तैयार करना चाहता है, ताकि भूमि अभिलेख अधिक सुलभ हों। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यहां चिंतन शिविर के निष्कर्षों के आधार पर राजस्व शब्दावली सरलीकरण, राजस्व न्यायालय मामला प्रबंधन प्रणाली के आधुनिकीकरण आदि का रोडमैप राज्यों की सहमति से बनाया जाएगा। फिर उसे देशभर में लागू करने का प्रयास होगा।

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