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    Central Vigilance Commission: सीवीसी की रिपोर्ट में खुलासा, सीबीआई जांच से संबंधित भ्रष्टाचार के 6700 मामले कोर्ट में लंबित

    By Sonu GuptaEdited By:
    Updated: Thu, 25 Aug 2022 08:32 PM (IST)

    केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि सीबीआइ द्वारा जांच किए गए भ्रष्टाचार के लगभग 6700 मामले विभिन्न कोर्ट में लंबित हैं। इनमें 275 मामले 20 साल से ज्यादा समय से लंबित हैं।

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    सीबीआई जांच से संबंधित भ्रष्टाचार के 6700 मामले कोर्ट में लंबित।

    नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि सीबीआइ द्वारा जांच किए गए भ्रष्टाचार के लगभग 6700 मामले विभिन्न कोर्ट में लंबित हैं। इनमें 275 मामले 20 साल से ज्यादा समय से लंबित हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल 1939 मामले 10 से लेकर 20 साल से ज्यादा समय से लंबित हैं। जबकि, 2273 मामले पांच से लेकर 10 साल से ज्यादा समय तक लंबित हैं। 811 मामले तीन साल से ज्यादा समय से लंबित हैं।

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    सुप्रीम कोर्ट से लेकर विभिन्न हाई कोर्ट में लंबित है अपील

    सीबीआई (Central Bureau of Investigation) के साथ हुई बैठक में सीवीसी (Central Vigilance Commission) ने कोर्ट में लंबित पड़े इन मामलों की ओर उसका ध्यान आकर्षित कराया है। रिपोर्ट में कहा गया कि कुल 9,935 अपील में से 9,698 अपील विभिन्न हाई कोर्ट में लंबित हैं। जबकि 237 अपील सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। विभिन्न हाई कोर्ट में 1,039 पुनर्विचार याचिकाएं लंबित हैं। इसमें कहा गया कि हाई कोर्ट और अन्य कोर्ट में लंबित 10,974 अपील और पुनर्विचार याचिकाओं में से 361 मामले 20 साल से ज्यादा समय से लंबित हैं। हाल में संपन्न संसदीय सत्र में यह रिपोर्ट पेश की गई थी और इसे बुधवार को सार्वजनिक किया गया।

    549 लोकसेवकों के खिलाफ हुई कार्रवाई

    सीवीसी की रिपोर्ट में कहा गया कि सीबीआइ ने 2021 में 221 राजपत्रित अधिकारियों सहित 549 लोकसेवकों के खिलाफ 457 मामले दर्ज किए थे। इनमें से 504 का जांच कर निस्तारण कर दिया गया। जांच एजेंसी को आमतौर पर पंजीकृत मामले की जांच एक साल के अंदर पूरी करनी होती है। सीवीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जांच पूरी होने का अर्थ सक्षम प्राधिकारी से मंजूरी मिलने के बाद जहां कहीं जरूरी हो, कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल करना होगा। आयोग ने पाया है कि कुछ मामलों में जांच पूरी करने में देरी हुई है।