Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तेलंगाना में मडिगा और माला उप-जातियों में लागू होगा आरक्षण, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद CM रेवंत रेड्डी का एलान

    Updated: Thu, 01 Aug 2024 03:47 PM (IST)

    विधानसभा में एससी उप-वर्गीकरण पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिए गए ऐतिहासिक फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए रेवंत रेड्डी ने विधानसभा में एलान किया कि राज्य सरकार वर्तमान नौकरी अधिसूचनाओं में मडिगा और माला उप-जातियों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए भी आवश्यक कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने आगे ये भी कहा हमारे प्रयास सफल हुए हैं। CM ने पीठ का धन्यवाद भी दिया

    Hero Image
    CM रेवंत रेड्डी का एलान (file photo)

    एएनआई, हैदराबाद। तेलंगाना में मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने मडिगा और माला उप-जातियों के आरक्षण पर बयान दिया है।  तेलंगाना सरकार ने एससी उप-वर्गीकरण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार एबीसीडी को विभाजित करने का फैसला लिया है।

    विधानसभा में एससी उप-वर्गीकरण पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिए गए ऐतिहासिक फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए, रेवंत रेड्डी ने विधानसभा में एलान किया कि राज्य सरकार वर्तमान नौकरी अधिसूचनाओं में मडिगा और माला उप-जातियों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए भी आवश्यक कदम उठाएगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा, "वर्गीकरण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के संदर्भ में, मुझे याद है कि पिछली सरकार ने संपत कुमार को निलंबित कर दिया था। 23 दिसंबर, 2023 को हमने डिप्टी सीएम भट्टी विक्रमार्क और महाधिवक्ता, मंत्री दामोदर राजनरसिम्हा को भेजा था। वर्गीकरण मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट बहस करेगा।”

    ए बी सी और डी को वर्गीकृत करने पर फैसला लेगी सरकार

    मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा, 'हमारे प्रयास सफल हुए हैं। हम सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ को उसके फैसले के लिए दिल से धन्यवाद देते हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप, तेलंगाना सरकार ए, बी, सी और डी को वर्गीकृत करने पर निर्णय लेगी। हम वर्तमान नौकरी अधिसूचनाओं में मडिगा और मडिगा उप-जातियों के लिए आरक्षण भी सुनिश्चित करेंगे। यदि आवश्यक हुआ तो हम इस आशय का अध्यादेश जारी करेंगे।'

    जानकारी के लिए बता दें कि भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 7-न्यायाधीशों की पीठ ने ईवी चिन्नैया मामले में पांच-न्यायाधीशों की पीठ के पहले के फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि उप-वर्गीकरण की अनुमति नहीं है क्योंकि एससी/एसटी समरूप वर्ग बनाते हैं।

    'अनुसूचित वर्गों का उपवर्गीकरण नहीं करेंगे स्वीकार' 

    सात न्यायाधीशों की संविधान पीठ एससी और एसटी जैसे आरक्षित समुदायों के उप-वर्गीकरण से संबंधित मुद्दों पर विचार कर रही थी। सीजेआई चंद्रचूड़ ने चिन्नैया पर फैसले को खारिज करते हुए कहा था कि अनुसूचित वर्गों का उपवर्गीकरण स्वीकार नहीं किया जाएगा ।

    comedy show banner