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    MP News: डिजिटल अरेस्ट का ऐसा जाल बिछाया ठग लिए 68 लाख, भेल के रिटायर अधिकारी और उनकी पत्नी के साथ ठगी

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 11:05 PM (IST)

    साइबर ठगों ने भोपाल निवासी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (भेल) से सेवानिवृत्त अधिकारी को पहलगाम हमले की साजिश में शामिल होने की बात कहकर धमकाया फिर लगातार 70 दिनों तक उन्हें और उनकी पत्नी को डिजिटल अरेस्ट रखकर 68 लाख रुपये अपने बताए खातों में जमा करवा लिए। ठगों ने बुजुर्ग दंपती को डरा-धमकाकर 11 बैंक खातों में रकम जमा कराई।

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    भेल के सेवानिवृत्त अधिकारी को सपत्नी 70 दिन डिजिटल अरेस्ट कर 68 लाख की ठगी

     जेएनएन, भोपाल। साइबर ठगों ने भोपाल निवासी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (भेल) से सेवानिवृत्त अधिकारी को पहलगाम हमले की साजिश में शामिल होने की बात कहकर धमकाया फिर लगातार 70 दिनों तक उन्हें और उनकी पत्नी को डिजिटल अरेस्ट रखकर 68 लाख रुपये अपने बताए खातों में जमा करवा लिए।

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    बुजुर्ग दंपती को डराया धमकाया

    चार जुलाई से ठगों ने बुजुर्ग दंपती को डरा-धमकाकर 11 बैंक खातों में रकम जमा कराई। बुजुर्ग ने पहले ग्रेच्युटी और बैंक में जमा 48 लाख रुपये भेज दिए। ठगों ने और दबाव बनाया तो बेटी, भतीजे और समधी से भी उधार लेकर 20 लाख रुपये भेज दिए।

    मकान बेचने का बना रहे थे दबाव

    इसके बाद भी ठगों ने और रकम भेजने के लिए मकान बेचने को कहा। इसके लिए गुरुवार को बुजुर्ग ने जब अपने बेटे को फोन किया तो डिजिटल अरेस्ट से पर्दा उठा। बेटे ने सच्चाई जानकर साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। भोपाल के नए शहर के साकेत नगर में रहने वाले भेल से सेवानिवृत्त अधिकारी के मोबाइल पर गत चार जुलाई को सुबह फोन आया।

    फोन करने वाले ने स्वयं को दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी सुधीर कुमार बताया और कहा कि आपके आधार कार्ड से रजिस्टर मोबाइल नंबर का उपयोग पहलगाम आंतकी हमले की साजिश के दौरान हुआ है। यह भी कहा कि आपके खाते में एक गैंगस्टर ने छह करोड़, 80 लाख रुपये जमा किए हैं।

    सीबीआई का अधिकारी बताकर ठगा

    बुजुर्ग ने इन सब आरोपों को गलत बताया तो फोन करने वाले ठग ने अपने साथी को सीबीआई का अधिकारी बताते हुए उसे लाइन पर लेकर बात कराई। तीनों के बीच करीब दो घंटे वीडियो काल पर बात हुई।

    दोनों ठगों ने कहा कि यदि आप निर्दोष हैं तो अपनी पूरी राशि को उनके बताए बैंक खाता में जमा कर दें, जिससे पुलिस और सीबीआई पूरी जांच कर लेगी। अगर राशि का मनी लांड्रिंग से संबंध नहीं मिला तो रुपये वापस मिल जाएंगे।