'विकसित भारत का संकल्प जरूर पूरा होगा', संविधान दिवस पर बोलीं राष्ट्रपति मुर्मु
आज राष्ट्रीय संविधान दिवस मनाया जा रहा है। पुराने संसद भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संविधान के 9 भाषाओं में अनुवादित संस्करण जारी किए। उन्होंने संविधान का प्रियंबल भी पढ़ा। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में उभरा है और संसद ने तीन तलाक जैसी कुरीतियों पर रोक लगाई है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देशभर आज राष्ट्रीय संविधान दिवस मनाया जा रहा है। संविधान दिवस 2025 पर पुराने संसद भवन में राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। ये आयोजन संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में हो रहा है। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु कर रही हैं। इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति सी पी राधाकृष्णन के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा के अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री और दोनों सदनों के सांसद शामिल हैं।
संविधान दिवस पर दिल्ली के पुराने संसद भवन में कार्यक्रम चल रहा है। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति ने 9 भाषाओं में संविधान का ट्रांसलेटेड वर्जन जारी किया है। राष्ट्रपति मुर्मु ने मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया और असमिया समेत नौ भाषाओं में संविधान का ट्रांसलेटेड वर्जन जारी किया है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने पढ़ा संविधान का प्रियंबल
राष्ट्रपति मुर्मु ने संविधान का प्रियंबल पढ़ते हुए कहा कि हम भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता; प्रतिष्ठा और अवसर की समता, प्राप्त कराने के लिए, तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर, अपनी संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर 1949 ई. को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।
तीन तलाक जैसी कुरीति पर लगाई रोक
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि विश्व के विशालतम लोकतंत्र में आज भारत एक उदाहरण के तौर पर खड़ा है। बीते दशक में हमारी संसद ने जन आकांक्षाओं को व्यक्त करने के उदाहरण पेश किए हैं। मैं आप सभी सांसदों को बहुत-बहुत बधाई देती हूं। तीन तलाक जैसी सामाजिक कुरीति पर रोक लगाकर हमारी संसद ने बहन-बेटियों को न्याय दिलाया है। वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि विकसित भारत का संकल्प जरूर पूरा होगा।
आज ही के पूरा हुआ था ड्राफ्ट बनाने का काम
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा, "संविधान दिवस के ऐतिहासिक मौके पर आप सभी के बीच आकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। आज ही के दिन, 26 नवंबर, 1949 को, संविधान भवन के इसी सेंट्रल हॉल में, संविधान सभा के सदस्यों ने भारत के संविधान का ड्राफ्ट बनाने का काम पूरा किया था। उसी साल इसी दिन, हम भारत के लोगों ने अपना संविधान अपनाया था। आजादी के बाद, संविधान सभा ने भारत की अंतरिम संसद के तौर पर भी काम किया। ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन, बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर हमारे संविधान के मुख्य आर्किटेक्ट में से एक थे...।"

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