मरीज के अंडकोष निकालकर किया प्रोस्टेट कैंसर का उपचार
आपरेशन के बाद 62 वर्षीय राम माथुर पूरी तरह से स्वस्थ..
नई दिल्ली, आईएनएस। 62 वर्षीय राम माथुर को अचानक समस्या पैदा हुई। मूत्र त्याग करने के दौरान पैदा हुई परेशानी तब और गंभीर रूप लेने लगी जब उनके जननांग के पास सूजन हुई और वीर्य में खून दिखाई देने लगा। चिकित्सकों को दिखाया तो उन्हें पता लगा कि वो प्रोस्टेट कैंसर की एडवांस स्टेज पर हैं। उनके लिए वो दिन शायद बेहद निराश करने वाला था जब चिकित्सकों ने उन्हें बताया कि अंडकोष निकालकर ही उन्हें गंभीर बीमारी से निजात मिल सकती है। पहले वो तैयार नहीं हुए लेकिन बाद में जान है तो जहान है की बात सोचकर आपरेशन के लिए मान गए। चिकित्सकों ने अंडकोष निकालकर उन्हें एक नया जीवन दे दिया। अब वो काफी ज्यादा राहत महसूस कर रहे हैं।
गुड़गांव के पुष्पांजलि अस्पताल के एमडी व यूरोलाजिस्ट डा. एसपी यादव कहते हैं कि प्रोस्टेट कैंसर की मुख्य वजह हारमोन का रिसाव है। इसके लिए अंडकोष जिम्मेदार होते हैं। एक बार इन्हें निकाल दिया जाए तो हारमोन का स्राव बंद हो जाता है। राम माथुर के मामले में यही बात दिखाई दी। अब उन्हें कोई परेशानी नहीं है। उनका कहना है कि प्रोस्टेट कैंसर के अकेले भारत में ही 2 लाख 88 हजार मरीज हैं।
इसके फैलने का सबसे बड़ा कारण हैं कि कई बार ये पता ही नहीं लग पाता। अधिकांश बार जब इसका पता लगता है तब बहुत देर हो चुकी होती है और मरीज एडवांस स्टेज में पहुंच जाता है। दिल्ली केबीएलके कैंसर सेंटर के सर्जिकल आनकालाजी के विभागाध्यक्ष कपिल कुमार का कहना है कि अंडकोष निकालने के अलावा प्रोस्टेट कैंसर व पुरुषों के स्तन कैंसर को आर्किटामी के जरिए भी नियंत्रित किया जा सकता है। सरोज सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल के आकाश जैन का कहना है कि अंडकोष की सर्जरी के बाद कपड़े पहनने में एहतियात बरतनी चाहिए।
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