धर्मस्थला मामले में धार्मिक प्रमुखों ने अमित शाह से की मुलाकात, NIA जांच कराने की मांग
कर्नाटक के विभिन्न मठों के पीठाधीशों ने सनातन संत नियोग के बैनर तले नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और धर्मस्थल मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी एनआइए से जांच कराने की मांग की। राजशेखरानंद स्वामीजी ने कहा कि कुछ प्रभावशाली स्वार्थी तत्वों द्वारा हिंदू मंदिरों की छवि को खराब करने की बड़ी साजिश चल रही है।

पीटीआई, मेंगलुरु। कर्नाटक के विभिन्न मठों के पीठाधीशों ने 'सनातन संत नियोग' के बैनर तले नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और धर्मस्थल मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी एनआइए से जांच कराने की मांग की।
राजशेखरानंद स्वामीजी के अनुसार प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को चल रहे धर्मस्थला विवाद पर चर्चा की, जिसमें एक व्यक्ति, जिसे सीएन चिन्नैया के रूप में पहचाना गया है, ने दावा किया है कि उसने सैकड़ों शवों को दफनाया है, जिनमें यौन उत्पीड़न के निशान वाले महिलाओं के शव भी शामिल हैं।
स्वामीजी ने कहा कि शाह ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि सभी घटनाक्रमों पर करीबी नजर रखी जा रही है और एक कैबिनेट बैठक के बाद निर्णय लिया जाएगा।
हिंदू मंदिरों की छवि को खराब करने की बड़ी साजिश चल रही
स्वामीजी ने कहा, ''हमने केंद्रीय गृह मंत्री को धर्मस्थला के बारे में जानकारी दी और उनके आश्वासन से हम प्रसन्न हैं। हमारे प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें यह समझाने की कोशिश की कि भारत के अंदर और बाहर कुछ प्रभावशाली स्वार्थी तत्वों द्वारा हिंदू मंदिरों की छवि को खराब करने की बड़ी साजिश चल रही है, जिसका उद्देश्य भक्तों के बीच भय पैदा करना है।'' उन्होंने कहा, ''हमने विवाद की एनआइए जांच की मांग की।''
अमित शाह ने कही ये बात
शाह ने धार्मिक संस्थानों के खिलाफ गलत सूचना और नफरत भरे भाषणों को रोकने के लिए नए कानून बनाने की योजना का भी संकेत दिया और नेताओं से सार्वजनिक जागरूकता प्रयासों में सहायता करने का आग्रह किया। एनआइए जांच के लिए बढ़ते दबाव के बीच कर्नाटक के गृह मंत्री जी.परमेश्वरा ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया है और केंद्र को किसी भी कदम को उठाने के लिए औचित्य प्रदान करना होगा।
एनआइए जांच की मांग के पीछे के तर्क पर सवाल उठाते हुए परमेश्वरा ने कहा, ''हमने इसकी जांच के लिए एसआइटी का गठन किया। पहले वे (धार्मिक नेता) कह रहे थे कि एसआइटी की जांच सही नहीं है। अब वे एनआइए को मामला सौंपने की मांग कर रहे हैं। क्या यह भी जांच नहीं है?''
उन्होंने कहा कि विदेशी फंडिंग पर ''स्वाभाविक रूप से केंद्र को उस पहलू की जांच करनी होगी क्योंकि राज्य सरकार ऐसा नहीं कर सकती।''
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