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    SC: 'सजा पूरी कर चुके कैदियों को रिहा करें', सुप्रीम कोर्ट ने कटारा हत्याकांड के दोषी को रिहा करने का दिया आदेश

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Wed, 13 Aug 2025 02:59 AM (IST)

    सजा पूरी करने के बाद भी जेल में बंद कैदियों के प्रति सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चिंता व्यक्त की। साथ ही सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि अगर कोई ऐसा दोषी किसी अन्य मामले में वांछित नहीं है तो उसे तुरंत रिहा किया जाए।पीठ ने 2002 के नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी सुखदेव यादव उर्फ पहलवान की रिहाई का आदेश देते हुए यह निर्देश दिया।

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    'सजा पूरी कर चुके कैदियों को रिहा करें'- सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

     पीटीआई, नई दिल्ली। सजा पूरी करने के बाद भी जेल में बंद कैदियों के प्रति सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चिंता व्यक्त की। साथ ही सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि अगर कोई ऐसा दोषी किसी अन्य मामले में वांछित नहीं है, तो उसे तुरंत रिहा किया जाए।

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    जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने 2002 के नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी सुखदेव यादव उर्फ पहलवान की रिहाई का आदेश देते हुए यह निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि सुखदेव यादव ने इस वर्ष मार्च में बिना किसी छूट के 20 वर्ष की सजा पूरी कर ली।

    शीर्ष अदालत ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दिया निर्देश

    पीठ ने कहा कि इस आदेश की प्रति रजिस्ट्री द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के गृह सचिवों को भेजी जानी चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या कोई आरोपित या दोषी सजा की अवधि से अधिक समय तक जेल में रहा है। अगर ऐसा है, तो ऐसे दोषियों की रिहाई के निर्देश जारी करें, यदि वे किसी अन्य मामले में वांछित नहीं हैं।

    आगे कहा कि इसी तरह की एक प्रति सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विधिक सेवा प्राधिकरणों के सदस्य सचिवों को प्रेषित करने के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव को भेजी जाएगी, ताकि निर्णय के क्रियान्वयन हेतु राज्यों के जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को सूचित किया जा सके।

    अपीलकर्ता को और अधिक कारावास में नहीं रखा जा सकता

    शीर्ष अदालत ने कहा कि नौ मार्च, 2025 के बाद अपीलकर्ता (सुखदेव यादव) को और अधिक कारावास में नहीं रखा जा सकता। वास्तव में उसे 10 मार्च, 2025 को सजा पूरी करने के बाद रिहा किया जाना चाहिए था।