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    सेना में लेफ्ट‍िनेंट के रूप में एंट्री के लिए तैयार हैं रेखा स‍िंह, गलवान घाटी में शहीद हुए थे पत‍ि दीपक स‍िंह

    By Jagran NewsEdited By: Vinay Saxena
    Updated: Fri, 21 Apr 2023 06:36 AM (IST)

    रेखा स‍िंह के पत‍ि दीपक स‍िंह 15 जून 2020 को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। नवंबर 2021 में उनकी वीरता के लिए उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया था।

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    रेखा ने पत‍ि की विरासत को बढ़ाने के लिए सशस्त्र बलों में अपना करियर बनाने का विकल्प चुना।

    नई द‍िल्‍ली, ऑनलाइन डेस्‍क। जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ झड़प में मारे गए 20 बहादुरों में से एक की पत्नी को सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में नियुक्त किया जाएगा। अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया क‍ि रेखा सिंह उन 200 कैडेटों में शामिल होंगी, जिनमें 40 महिलाएं शामिल हैं, जो 29 अप्रैल को चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से स्नातक होंगी। अधिकारियों के इस नवीनतम बैच की पांच महिला कैडेटों को पहली बार आर्टिलरी रेजिमेंट में कमीशन दिए जाने की उम्मीद है।

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    नायक दीपक सिंह चीनी सैन‍िकों से लड़ते हुए शहीद हुए थे

    रेखा की शादी बिहार रेजिमेंट की 16वीं बटालियन के नायक दीपक सिंह से हुई थी। दीपक स‍िंह 15 जून 2020 को चीनी सैनिकों से लड़ते हुए सुदूर घाटी में शहीद हो गए थे। नवंबर 2021 में उनकी वीरता के लिए उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया था। परमवीर चक्र (पीवीसी) और महावीर चक्र (एमवीसी) के बाद वीआरसी भारत का तीसरा सबसे बड़ा युद्धकालीन सैन्य सम्मान है।

    पीएलए के मारे गए जवानों की संख्‍या भारतीय सेना की तुलना में थी दोगुनी

    इन्फैंट्री बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बी संतोष बाबू, जिन्हें एमवीसी से सम्मानित किया गया था। वह गलवान घाटी में पैट्रोलिंग पॉइंट 14 के पास सात घंटे के घातक संघर्ष में मारे गए 20 भारतीय सैनिकों में शामिल थे। भारत के आकलन के अनुसार, पीएलए के हताहतों की संख्या भारतीय सेना की तुलना में दोगुनी थी। हालांकि, बीजिंग ने आधिकारिक तौर पर दावा किया कि केवल चार चीनी सैनिक मारे गए।

    पत‍ि के शहीद होने के बाद रेखा स‍िंह ने नहीं हारी ह‍िम्‍मत

    पति के शहीद होने के बाद रेखा सिंह ने उनकी विरासत को बढ़ाने के लिए सशस्त्र बलों में अपना करियर बनाने का विकल्प चुना। भारतीय सेना भी ऐसी महिलाओं को प्रोत्साहित कर रही है जो अपने दिवंगत पति के नक्शेकदम पर चलना चाहती हैं और इसके लिए सक्षम हैं। सेना उन्हें एक नई शुरुआत करने के लिए मार्गदर्शन भी प्रदान कर रही है। शहीदों की पत्नियों को सेवा चयन बोर्ड इंटरव्यू के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूएसपीसी) द्वारा आयोजित संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा में शामिल होने से छूट दी गई है। इसके अलावा आयु में छूट के भी हकदार हैं।