बकाए Income Tax रिकवरी की कार्रवाई तेज, 14 लाख करोड़ से अधिक का बकाया, टॉप 5 हजार बकाएदारों से वसूली की तैयारी
बकाए Income Tax रिकवरी की कार्रवाई तेज हो गई है। 14 लाख करोड़ से अधिक का बकाया है। टॉप 5 हजार बकाएदारों से वसूली की तैयारी है। वित्त मंत्रालय की तरफ से संसद को दी गई जानकारी के मुताबिक इनकम टैक्स बकाया 1441255 करोड़ रुपए का है। यह राशि किसी वित्त वर्ष में डायरेक्ट टैक्स के रूप में प्राप्त होने वाले राजस्व से थोड़ा ही कम है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार ने इनकम टैक्स बकाए की वसूली के लिए रिकवरी की कार्रवाई तेज कर दी है। सरकार का बकाया नहीं देने वालों के ट्रांजेक्शन स्टेटमेंट के साथ उनका पूरा ब्योरा तैयार कर उसे विभाग के फील्ड अधिकारियों को बकाए की वसूली के लिए दिया जा रहा है।
बकाया चुकाने से भागने वालों का डाटा फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (एफआइयू) से भी प्राप्त किया जा रहा है। मुकदमेबाजी और अपील की वजह से सरकार का लाखों करोड़ रुपए इनकम टैक्स बकाए के रूप में फंसा है। यह आंकड़ा 2021 तक का है।
इनकम टैक्स का बकाया 14 लाख रुपये से अधिक
वित्त मंत्रालय की तरफ से संसद को दी गई जानकारी के मुताबिक इनकम टैक्स बकाया 14,41,255 करोड़ रुपए का है। यह राशि किसी वित्त वर्ष में डायरेक्ट टैक्स के रूप में प्राप्त होने वाले राजस्व से थोड़ा ही कम है। पिछले वित्त वर्ष में डायरेक्ट टैक्स से सरकार को 18.90 लाख करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था। वित्त मंत्रालय के मुताबिक टैक्स के बकाए व एरियर की वसूली के लिए इनकम टैक्स विभाग ने डिमांड फैसिलिटेशन सेंटर (डीएफसी) की स्थापना की है और बकाए से जुड़े टाप 5000 मामले की लगातार निगरानी की जा रही है।
- अदालत में जा चुके बकाए मामलों से निपटने के लिए रिकवरी अधिकारियों के लिए अलग से निर्देश जारी किया गया है। मंत्रालय के मुताबिक टैक्स कलेक्शन को बढ़ाने के लिए सरकार टैक्स कानून को सरल बनाने के साथ स्वैच्छिक टैक्स घोषणा स्कीम को लगातार प्रोत्साहित कर रही है।
- मंत्रालय ने बताया कि इतनी बड़ी राशि के बकाए के रूप में फंसने की कई वजह हैं। इनमें अपील में जाने से लेकर अपील की अवधि का लंबा खिंचना, बकाए लेने के बाद कारोबार को बंद करना, पता-ठिकाना बदल लेना, बकाएदार के पास वसूली के लिए संपत्ति का नही होना जैसे कई कारण है।
- बकाए नहीं चुकाने वालों के बैंक खातों के संचालन पर रोक के लिए बैंकों को नोटिस भेजे जा रहे हैं, लेकिन कई बकाएदारों के खाते में रिकवरी के लायक राशि ही नहीं है। मंत्रालय ने संसद को यह भी बताया की केंद्रीय उत्पाद कर और सेवा कर के मद में सरकार का 2,26,633 करोड़ रुपए का बकाया है।
सरकार का संसद में दावा, टैक्स में राहत से कम नहीं होगा राजस्व
- आगामी वित्त वर्ष 2025-26 में 12 लाख तक की कमाई को टैक्स से छूट एवं टैक्स के स्लैब में बदलाव से सरकार के राजस्व में कोई कमी नहीं आएगी। संसद को दिए गए जवाब में वित्त मंत्रालय की तरफ से यह दावा किया गया है।
- वित्त मंत्रालय का कहना है कि इनकम टैक्स में राहत के बावजूद आगामी वित्त वर्ष में डायरेक्ट टैक्स के संग्रह में चालू वित्त वर्ष के मुकाबले 12.65 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। आगामी वित्त वर्ष में डायरेक्ट टैक्स से 25.20 लाख करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान लगाया गया है।

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