दिल्ली, मुंबई में बढ़े रियल एस्टेट विवाद, बिल्डरों की प्रतिष्ठा पर असर, सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में होमबायर्स और मुंबई में पुनर्विकास परियोजनाओं के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे रियल ...और पढ़ें

दिल्ली, मुंबई में बढ़े रियल एस्टेट विवाद, बिल्डरों की प्रतिष्ठा पर असर- सुप्रीम कोर्ट (फोटो- एएनआई)
पीटीआई,नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में होमबायर्स और मुंबई में पुनर्विकास परियोजनाओं के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे रियल एस्टेट डेवलपर्स की प्रतिष्ठा प्रभावित हो रही है।
मुंबई की एक आवास सोसायटी के पुनर्विकास से संबंधित विवाद की सुनवाई कर रही जस्टिस जेबी पार्डीवाला और पीबी वराले की पीठ ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में रियल एस्टेट मामलों की गंभीरता बहुत अधिक है।
पीठ ने कहा, ''रियल एस्टेट की यह समस्या इन दोनों स्थानों पर बहुत गंभीर है। दिल्ली-एनसीआर में लाखों होमबायर्स हैं जो आवास परियोजनाओं से प्रभावित हैं। मुंबई में, यह पुनर्विकास परियोजनाओं के साथ है। कहीं और ऐसा नहीं होता। गुजरात में आप एक भी मामला नहीं पाएंगे जहां रियल एस्टेट परियोजनाओं के संबंध में विवाद हो। इससे रियल एस्टेट डेवलपर्स की प्रतिष्ठा प्रभावित होती है।''
जस्टिस पार्डीवाला ने विभिन्न बिल्डरों की ओर से मामले में उपस्थित वकीलों से इस मुद्दे पर विचार करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट वर्तमान में यूनिटेक, आम्रपाली ग्रुप, जेपी और सुपरटेक ग्रुप से संबंधित कई रियल एस्टेट विवादों पर सुनवाई कर रहा है, जहां हजारों होमबायर्स डेवलपर्स द्वारा अपने फ्लैटों के विलंबित कब्जे को चुनौती दे रहे हैं।

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