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    मृत व्यक्ति के बैंक खातों में जमा रकम नहीं फंसेगी... RBI बनाने जा रहा ऐसा नियम, खत्म हो जाएगी टेंशन

    Updated: Wed, 06 Aug 2025 11:30 PM (IST)

    आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि मृत व्यक्ति के बैंक खाते और लॉकर से सामान के निपटान के लिए एक समान नियम बनेगा। अभी बैंकों में अलग-अलग नियम हैं जिससे उत्तराधिकारियों को परेशानी होती है। आरबीआई मसौदा जारी कर हितधारकों से सलाह लेगा। साथ ही वित्तीय समावेशन के लिए बैंकों को पंचायतों में कैंप लगाने के निर्देश दिए गए हैं।

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    मृत व्यक्ति के बच्चे आसानी से निकाल सकेंगे जमा (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मृत व्यक्ति के बैंक खाते में जमा राशि या बैंक लॉकर में रखे सामान को उनके रिश्तेदार को देने की प्रक्रिया को अब और सरल बनाया जाएगा। इस प्रकार के दावे के निपटान के लिए सभी बैंकों में एक समान नियम होगा।

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    आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को कहा कि मृत व्यक्ति के बैंक खाते से पैसे और उनके लाकर से सामान के निस्तारण को लेकर एक स्तरीय प्रक्रिया अपनाई जाएगी ताकि मृत व्यक्ति के बच्चे या उनके रिश्तेदार उसे आसानी से हासिल कर सके।

    सभी बैंकों के लिए होगा एक नियम

    जानकारों का कहना है कि आरबीआई सभी बैंकों के लिए एक स्तरीय नियम बनाने के लिए मसौदा जारी करेगा और फिर स्टेकहोल्डर्स से सलाह के बाद अंतिम नियम तैयार होगा। अभी अमूमन बैंक खाता खोलने या लॉकर लेने पर नॉमिनी का नाम देना होता है। खाताधारक के निधन हो जाने पर नॉमिनी को उसके खाते के पैसे या लॉकर में रखे सामान दे दिए जाते हैं।

    लेकिन पहले से चले आ रहे काफी ऐसे खाते या लॉकर हैं जिनमें कोई नॉमिनी नहीं है और खाताधारक की मौत हो जाती है। ऐसी स्थिति में मृतक के खाते के निपटान के लिए अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग नियम है। आरबीआई सभी बैंकों के लिए इस नियम को एक समान बनाना चाहता है। ताकि सही उत्तराधिकारी को आसानी से मृतक के खाते के पैसे या सामान मिल सके।

    पंचायतों में लगाए जाएंगे कैंप

    • गवर्नर ने बताया कि वित्तीय समावेश के दायरे को देश के हर भाग तक ले जाने के लिए आरबीआई ने सभी बैंकों को हरेक पंचायत में जाकर कैंप लगाने के लिए कहा है जहां बैंक खाता से वंचित व्यक्तियों के खाते जनधन स्कीम के तहत खोले जाएंगे और जिन पुराने खाताधारकों के केवाईसी नहीं है उनके केवाईसी अपडेट किए जाएंगे।
    • आरबीआई गवर्नर के मुताबिक जुलाई से यह कार्यक्रम शुरू हुआ है और सितंबर अंत तक यह जारी रहेगा। पंचायत में लगने वाले कैंप में बैंक माइक्रो फाइनेंसिंग और इंश्योरेंस संबंधी सुविधा भी लोगों को मुहैया कराएगा। वित्तीय समावेश के इस कार्यक्रम में सभी बैंकों को हिस्सा लेने के लिए कहा गया है। इसके अलावा आरबीआई गवर्नर ने सरकारी सिक्युरिटीज में व्यक्तिगत निवेश के नियम को भी आसान करने की घोषणा की।
    • घोषणा के मुताबिक अब खुदरा निवेशक रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म पर जाकर ट्रेजरी बिल में सिस्टमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के माध्यम से निवेश कर सकेंगे। इसका फायदा यह होगा कि रिटेल निवेशक बैंकों के बचत खाते में पैसा रखने के बजाय ट्रेजरी बिल में निवेश कर बचत खाते में मिलने वाले ब्याज से अधिक मुनाफा कमा सकेंगे। बचत खाते में उन्हें दो-तीन प्रतिशत का ब्याज मिलता है।

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