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    देश में सितंबर से सब्जियों के सस्ता होने की उम्मीद, RBI गवर्नर बोले- दामों को लेकर सतर्क हैं हम

    By AgencyEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Thu, 24 Aug 2023 06:33 AM (IST)

    भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि भारत में सब्जियों की कीमतों में कमी देखने को मिल रही है और सितंबर से इसमें गिरावट आने की संभावना है। बता दें कि सब्जियों और अनाजों की बढ़ती कीमतों के कारण जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 7.44% हो गई जो 15 महीनों में सबसे अधिक है।

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    देश में सितंबर से सब्जियों के सस्ती होने की उम्मीद- RBI गवर्नर

    नई दिल्ली, रायटर। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि भारत में सब्जियों की कीमतों में कमी देखने को मिल रही है और सितंबर से इसमें गिरावट आने की संभावना है।

    15 महीने के उच्चतम 7 फीसद पर पहुंची खुदरा मुद्रास्फीति

    बता दें कि सब्जियों और अनाजों की बढ़ती कीमतों के कारण जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 7.44% हो गई, जो 15 महीनों में सबसे अधिक है। शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत में सब्जियों की कीमतों में सितंबर से गिरावट आ सकती है।

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    सितंबर से सस्ती हो सकती हैं सब्जियां

    उन्होंने कहा कि अनाज की कीमतों के परिदृश्य में तेजी देखने को मिल रही है, हालांकि भू-राजनीतिक तनाव खाद्य कीमतों में बाधा डाल सकता है। शक्तिकांत दास ने कहा कि बढ़ी हुई मुख्य मुद्रास्फीति के बावजूद पिछले कुछ महीनों में इसमें लगातार कमी देखी गई है।

    खाद्य कीमतों पर है RBI की नजर

    उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क है कि मुद्रास्फीति लगातार बनी न रहे और सभी क्षेत्रों में सामान्य हो जाए। शक्तिकांत दास ने कहा कि बार-बार खाद्य कीमतों में झटके लगने की घटनाएं स्थिर मुद्रास्फीति की उम्मीदों को बनाए रखने के लिए जोखिम पैदा करती हैं, जिस पर हम सितंबर 2022 से काम कर रहे हैं

    शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को 4 फीसद के लक्ष्य के आसपास रखने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि मूल्य स्थिरता को टिकाऊ विकास का आधार होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि विकास जारी रखने और 2023-24 में पूंजीगत व्यय चक्र को गति देने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं।

    विदेशी मुद्रा भंडार का निर्माण जारी रखेगा RBI

    केंद्रीय बैंक प्रमुख ने दोहराया कि आरबीआई का कोई विशेष लक्ष्य नहीं है, लेकिन वह किसी भी डॉलर के बहिर्गमन से निपटने के लिए अपने विदेशी मुद्रा भंडार का निर्माण जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने बाहरी स्थिरता बनाए रखने और विदेशी मुद्रा भंडार का निर्माण करके प्रणालीगत लचीलेपन और दक्षता में सुधार के लिए भी प्रयास किए हैं।