कौन हैं रावतपुरा सरकार, जिनके खिलाफ दर्ज हुआ एफआईआर? अधिकारियों को रिश्वत देने का लगा है आरोप
भोपाल सीबीआई द्वारा रिश्वतखोरी के मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन रविशंकर महाराज ने मध्य प्रदेश स्थित अपने आश्रम में धार्मिक आयोजन किया। इस आयोजन में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल मंत्री प्रह्लाद पटेल समेत कई भाजपा नेता शामिल हुए। प्रह्लाद पटेल ने कहा कि धर्माचार्य के खिलाफ किसी भी षड्यंत्र में वे उनके साथ खड़े रहेंगे।
जेएनएन, भोपाल। मेडिकल काउंसिल के अधिकारियों को रिश्वत देने के मामले में सीबीआइ ने छत्तीसगढ़ में रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन रविशंकर महाराज (रावतपुरा सरकार) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
गिरफ्तारी और पूछताछ की आशंका के बीच उन्होंने मध्य प्रदेश स्थित रावतपुरा सरकार आश्रम में अपनी जन्मतिथि के बहाने धार्मिक आयोजन कर अपनी राजनीतिक ताकत दिखाई है।
राज्य के डिप्टी सीएम हुए कार्यक्रम में शामिल
इस आयोजन में मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद पटेल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह, भाजपा विधायक शैलेंद्र जैन, प्रदीप लारिया सहित भाजपा के कई क्षेत्रीय नेता शामिल हुए। इस आयोजन में मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि धर्माचार्य के खिलाफ कोई षड्यंत्र होगा हम उनके आगे खड़े होंगे। आयोजन में भगवान सदाशिव की 75 फीट ऊंची प्रतिमा का लोकार्पण हुआ।
इस समारोह के मंच से उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि संतों की वाणी पर कोई तर्क नहीं किया जा सकता। उनकी वाणी को श्रद्धा से ग्रहण कर उसे आगे बढ़ाने का कार्य किया जाना चाहिए। रावतपुरा सरकार द्वारा देशभर में 200 स्थानों पर शिक्षा, स्वास्थ्य और जनकल्याण की संस्थाएं संचालित की जा रही हैं। मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि धर्माचार्य के खिलाफ कोई भी षड्यंत्र होगा, तो हम उनके आगे खड़े होंगे। वैसे हम संतों के पीछे चलते हैं।
सीबीआई ने लगाया है रिश्वत की डील का आरोप
आठ राज्यों में निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रबंधन द्वारा रिश्वत देकर मान्यता लेने के मामले में सीबीआई ने जांच शुरू की है। एक जुलाई को रायपुर में सीबीआई ने रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज के निदेशक को गिरफ्तार किया था।
अगले दिन रविशंकर महाराज सहित 36 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। यह मामला 1300 करोड़ रुपये के रिश्वत का बताया जा रहा है। आरोप है कि रविशंकर महाराज मान्यता के बदले खुद रिश्वत की डील कर रहे थे।
कब शुरु क्षेत्र में शुरू हुआ था रावतपुरा सरकार धाम
भिंड जिला मुख्यालय से 75 किलोमीटर दूर लहार तहसील में रावतपुरा सरकार धाम है। यहां करीब 35 साल पहले बीहड़ था। चंबल के इस दस्यु प्रभावित क्षेत्र में दिन में भी लोग आने-जाने से डरते थे, लेकिन आज यहां सर्वसुविधायुक्त रावतपुरा सरकार धाम है, जहां देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। पहूज और सोनमृगा नदी के बीच बने धाम ने वर्ष 2008 में रावतपुरा सरकार कॉलेज आफ एजुकेशन से शिक्षण क्षेत्र में कदम रखा।
कॉलेज में डीएड, बीएड सहित पांच पाठ्यक्रम संचालित हैं। 12वीं कक्षा तक संस्कृत विद्यालय भी संचालित है। रावतपुरा में रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 1990 में यहां भीषण बाढ़ आई थी, तभी रविशंकर महाराज (वर्तमान में रावतपुरा सरकार के महंत) पहुंचे। वह टीकमगढ़ जिले के छिपरी के रहने वाले हैं।
उन्होंने यहां यज्ञ और अनुष्ठान करवाए। तब से यहां माहौल पूरी तरह से बदल गया है। वर्ष 2005 में आश्रम एक धाम के रूप में विकसित हो गया और इसका नाम बदलकर रावतपुरा सरकार धाम कर दिया गया।
धाम देश के उन मंदिरों में शामिल है, जहां राजनेताओं का विशेष अनुष्ठानों के लिए आना-जाना लगा रहता है। यहां विराजमान हनुमानजी के दर्शन के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकारों से लेकर उसके बाद भाजपा सरकारों के मंत्री-मुख्यमंत्री पहुंचते रहे हैं। 14 मई 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह ने मां ललिता देवी का अनुष्ठान यहां संपन्न कराया था।
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