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    Ratan Tata: पद्म विभूषण रतन टाटा के जीवन से जुड़ी 10 खास बातें, जानकर हो जाएंगे हैरान

    Updated: Thu, 10 Oct 2024 02:09 AM (IST)

    Ratan Tata Life Facts भारत के सबसे बड़े व्यवसायियों में से एक रतन टाटा का मुंबई के एक अस्पताल में स्‍वर्गवास हो गया है। रतन टाटा न केवल व्यापार जगत में अपने योगदान के लिए जाने जाते थे बल्कि अपने परोपकार के लिए भी जाने जाते थे। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने टेटली जगुआर लैंड रोवर और कोरस जैसे ब्रांड का अधिग्रहण किया। इससे टाटा की वैश्विक पहचान बनी।

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    उद्योगपति पद्म विभूषण रतन टाटा के बारे में 10 बड़ी बातें। (Photo Jagran)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के सबसे बड़े उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) का बुधवार देर रात मुंबई के एक अस्पताल में स्‍वर्गवास (Ratan Tata News) हो गया। रतन टाटा पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। उनके निधन पर देश में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi On Ratan Tata) ने भी उनके निधन पर दुख व्यक्त किया है। वह एक बिजनसमैन होने के साथ-साथ समजसेवक भी थे। आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में...

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    रतन टाटा के बारे में 10 तथ्य (Ratan Tata Life Facts)

    1. रतन नवल टाटा, जमशेदजी टाटा के परपोते थे, जिन्होंने टाटा समूह की स्थापना की थी। रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में नवल टाटा और सूनी टाटा के घर हुआ था।

    2. रतन टाटा की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल में हुई। यहां से उन्होंने आठवीं तक पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने जॉन कानन स्कूल (मुंबई), बिशप काटन स्कूल (शिमला) और रिवरडेल कंट्री स्कूल (न्यूयार्क) से आगे की पढ़ाई की।

    3. न्यूयार्क के कार्नेल विश्वविद्यालय से 1959 में उन्होंने आर्किटेक्चर में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। 1961 में टाटा स्टील से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की। इस अनुभव ने समूह के भीतर उनके भविष्य के नेतृत्व की भूमिका की नींव रखी।

    4. 1948 में उनके माता-पिता के अलग होने के बाद उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने उनका पालन-पोषण किया। कई बार रतन टाटा की शादी के चर्चे हुए, लेकिन रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की।

    5. उन्होंने एक बार इंटरव्यू में स्वीकार किया था कि लॉस एंजिल्स में काम करते समय उन्हें प्यार हो गया था। लेकिन 1962 में चल रहे भारत-चीन युद्ध के कारण, लड़की के माता-पिता ने उसे भारत आने से मना कर दिया था।

    6. वे 1991 में ऑटो से स्टील समूह के अध्यक्ष बने और अपने परदादा द्वारा सौ साल से भी पहले स्थापित समूह को 2012 तक चलाया। उन्होंने टाटा समूह का पुनर्गठन उस समय शुरू किया जब भारतीय अर्थव्यवस्था का उदारीकरण चल रहा था।

    7. उन्होंने टाटा नैनो और टाटा इंडिका सहित लोकप्रिय कारों के व्यवसाय विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने टाटा टी को टेटली, टाटा मोटर्स को जगुआर लैंड रोवर और टाटा स्टील को 2004 में कोरस का अधिग्रहण करने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    8. 2009 में रतन टाटा ने दुनिया की सबसे सस्ती कार को मध्यम वर्ग के लिए सुलभ बनाने का अपना वादा पूरा किया। उन्होंने ₹ 1 लाख की कीमत वाली टाटा नैनो लॉन्च की।

    9. 1991 से 2012 तक टाटा समूह के चेयरमैन रहे। फिर अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक अंतरिम चेयरमैन रहे। उनके नेतृत्व में टाटा समूह का राजस्व 40 गुना से अधिक और लाभ 50 गुना से अधिक बढ़ा।

    10. चेयरमैन पद छोड़ने के बाद, उन्हें टाटा संस, टाटा इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टाटा केमिकल्स के मानद चेयरमैन की उपाधि से सम्मानित किया गया।

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