Cyclone Biparjoy: तेजी से बढ़ रहा है चक्रवाती तूफान ‘बिपारजॉय’, IMD ने बताया मानसून पर क्या होगा इसका असर
Cyclone Biparjoy भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार पूर्व-मध्य और आस-पास के दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान बिपारजॉय के लगभग उत्तर की ओर बढ़ने और अगले कुछ घंटों में धीरे-धीरे एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है।
नई दिल्ली, एजेंसी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, पूर्व-मध्य और आस-पास के दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान 'बिपारजॉय' के लगभग उत्तर की ओर बढ़ने और अगले कुछ घंटों में धीरे-धीरे एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। इसके बाद के 24 घंटों के दौरान उसी क्षेत्र में एक बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान में और तेज होने की उम्मीद है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की ओर से बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे दी गई जानकारी के अनुसार, ‘‘पूर्व-मध्य और उससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर में चक्रवाती तूफान ‘बिपोरजॉय’ पिछले छह घंटे में दो किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर की तरफ बढ़ा और एक गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया… यह सुबह करीब साढ़े पांच बजे गोवा के पश्चिम-दक्षिणपश्चिम में लगभग 920 किलोमीटर, मुंबई के दक्षिणपश्चिम में 1020 किमी, पोरबंदर से 1090 किमी दक्षिण-दक्षिणपश्चिम और कराची से 1380 किमी दक्षिण में केंद्रित है।"
भारत के मौसम पर क्या पड़ेगा प्रभाव
केरल में मानसून की शुरुआत में पहले ही देरी हो चुकी है, मौसम विभाग ने सोमवार को कहा कि चक्रवाती तूफान के केरल तट की ओर मानसून की प्रगति को गंभीर रूप से प्रभावित करने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने अभी तक केरल में मानसून के आगमन की कोई अस्थायी तारीख नहीं दी है, जबकि निजी पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर ने कहा कि यह 8 जून या 9 जून को हो सकता है।
मानसून के मौसम में भारत में सामान्य बारिश होने की संभावना
स्काईमेट ने पहले मानसून के सात जून को केरल में दस्तक देने का पूर्वानुमान लगाते हुए कहा था कि यह तीन दिन पहले या बाद में वहां पहुंच सकता है।
दक्षिण-पूर्वी मानसून ने पिछले साल 29 मई को, 2021 में तीन जून को, 2020 में एक जून को, 2019 में आठ जून को और 2018 में 29 मई को केरल में दस्तक दी थी। आईएमडी ने पहले कहा था कि अल-नीनो की स्थिति विकसित होने के बावजूद दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम में भारत में सामान्य बारिश होने की संभावना है।