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    गुजरात सहित सात राज्यों में तेजी से सुधरी स्कूली शिक्षा, वर्ष 2020-21 की रिपोर्ट में पाया लेवल-2

    By Amit SinghEdited By:
    Updated: Thu, 03 Nov 2022 08:42 PM (IST)

    शिक्षा मंत्रालय के प्रयासों से स्कूली शिक्षा के मामले में राज्यों के बीच सुधारात्मक प्रतिस्पर्धा तेज होती नजर आ रही है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 के लिए जारी की गई परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स रिपोर्ट इसकी पुष्टि कर रही है।

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    गुजरात सहित सात राज्यों में तेजी से सुधरी स्कूली शिक्षा

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय के प्रयासों से स्कूली शिक्षा के मामले में राज्यों के बीच सुधारात्मक प्रतिस्पर्धा तेज होती नजर आ रही है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 के लिए जारी की गई परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स रिपोर्ट इसकी पुष्टि कर रही है। विभिन्न मानकों और संकेतकों के आकलन के आधार पर तैयार रिपोर्ट में गुजरात और राजस्थान सहित सात राज्यों ने लेवल-2 में जगह बनाई है तो केंद्र शासित राज्य बनने के बाद लद्दाख में आए परिवर्तन का प्रमाण है कि वह चार पायदान की उछाल के साथ लेवल-4 में जगह बनाने में सफल हुआ है।

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    भारत का शिक्षा तंत्र दुनिया की सबसे बड़ी शिक्षा व्यवस्था में से एक है। इसमें 14.9 लाख स्कूल, 95 लाख शिक्षक और लगभग 26.5 करोड़ विद्यार्थी शामिल हैं, जो कि विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से आते हैं। विभाग ने इन्हीं सब स्कूलों के प्रदर्शन और उपलब्धियों की आंकड़ों के आधार पर परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स रिपोर्ट तैयार की है। आंकलन कुल 1000 अंकों पर आधारित है। 70 संकेतकों को दो श्रेणियों (परिणाम और शासन प्रबंधन) में बांटा गया है। इन दो श्रेणियों की पांच उप श्रेणियां बनाई हैं, जिसमें सीखने के परिणाम, पहुंच, अवसंरचना और सुविधाएं, समानता और शासन प्रक्रिया शामिल है।

    उल्लेखनीय है कि लेवल-1 में कोई राज्य या केंद्र शासित राज्य स्थान नहीं बना सका है, जबकि लेवल-2 के परिणाम सकारात्मक रहे हैं। सात राज्य केरल, पंजाब, चंडीगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और आंध्रप्रदेश दूसरी श्रेणी यानी लेवल-2 में पहुंचे हैं। इनमें भी गुजरात, राजस्थान और आंध्रप्रदेश ने इस श्रेणी में पहली बार स्थान पाया है। इसी तरह प्रमुख उपलब्धि लद्दाख की रही है। 2019-20 में लेवल-8 पर रहा यह नवगठित केंद्र शासित राज्य मात्र एक वर्ष में ही शिक्षा व्यवस्था में तेज सुधार का प्रतीक बना और इस बार के इंडेक्स में सीधे लेवल-4 में अपनी दस्तक दे दी है।

    लेवल-3 : अंडमान और निकोबार, पुंडुचेरी, दादरा नगर हवेली, दमन द्वीव, हरियाणा, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, लक्षद्वीप, दिल्ली, ओडिशा

    लेवल-4 : असम, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, लद्दाख, त्रिपुरा

    लेवल-5 : बिहार, गोवा, मध्य प्रदेश, मिजोरम, सिक्किम, तेलंगाना

    लेवल-6 : मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, उत्तराखंड

    लेवल-7 : अरुणाचल प्रदेश---किस श्रेणी में कितने अंक

    लेवल-1: 951 से 1000

    लेवल-2: 901 से 950

    लेवल-3: 851 से 900

    लेवल-4: 801 से 850

    लेवल-5: 751 से 800

    लेवल-6: 701 से 750

    लेवल-7: 651 से 700

    लेवल-8: 601 से 650

    लेवल-9: 551 से 600

    लेवल-10: 550 से कम