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रांची के रंजीत ने बनाया रश्मि रोबोट, हिंदी-भोजपुरी में भावनात्मक बातें करती है रश्मि

रश्मि रोबोट को एक अविश्वसनीय और असाधारण उपलब्धि बताते हुए विशेषज्ञों ने कहा कि भारत में किसी भी हिंदी भाषी रोबोट का बनाना सुखद है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 04 Aug 2018 07:55 PM (IST)Updated: Sun, 05 Aug 2018 11:33 AM (IST)
रांची के रंजीत ने बनाया रश्मि रोबोट, हिंदी-भोजपुरी में भावनात्मक बातें करती है रश्मि
रांची के रंजीत ने बनाया रश्मि रोबोट, हिंदी-भोजपुरी में भावनात्मक बातें करती है रश्मि

जागरण संवाददाता, रांची। रांची के रंजीत श्रीवास्तव ने दुबई की नागरिकता हासिल करने वाली रोबोट सोफिया का भारतीय संस्करण रश्मि विकसित किया है। जो महज दो साल के रिकॉर्ड समय और सिर्फ 50 हजार रुपये खर्च कर बना है। रश्मि को हांगकांग की कंपनी द्वारा विकसित एक मानव सदृश रोबोट सोफिया की अगली पीढ़ी बताया जा रहा है, जो अंग्रेजी के साथ हिंदी, भोजपुरी और मराठी में आपसे बात कर सकती है। यह हावभाव बदलने और भावनात्मक बातें करने में भी निपुण है।

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दुनिया का पहला हिंदीभाषी रोबोट
लखनऊ के मदुरै कामराज विश्‍वविद्यालय से एमबीए करने वाले रंजीत का दावा है कि रश्मि दुनिया की पहली हिंदी भाषी, सच्चा अहसास देने वाली और महिला की तरह व्यवहार करने वाली रोबोट है, जो बातचीत के क्रम में होंठ भी हिलाती है। इस रोबोट में लिंग्यूस्टिक इंटरप्रेटर (एलआई), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), विजुअल डेटा और फेशियल रिकोगनिशन तकनीक का उपयोग किया गया है।

राजधानी के पहाड़ी मंदिर इलाके के रहने वाले 38 वर्षीय रंजीत कहते हैं कि यह रोबोट मेरे द्वारा विकसित विशेष सॉफ्टवेयर और लिंग्यूस्टिक इंटरप्रेटर प्रणाली पर काम करता है। एलआइ प्रोग्रामिंग बातचीत में भावना का विश्लेषण करता है जबकि एआइ प्रोग्राम डिवाइस से प्रतिक्रिया देने का काम करता है।

देश-विदेश की कई कंपनियां संपर्क में
उन्होंने ट्राई चेयरमैन आरएस शर्मा से मदद मिलने का जिक्र किया। कहा कि शर्माजी ने हमेशा से उन्हें विशिष्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया। उनके सॉफ्टवेयर को लेकर देश-विदेश की कई नामी-गिरामी कंपनियां अलग-अलग प्रोजेक्ट में जुड़ने के लिए संपर्क साध रही है।

दो माह में पूरा हो जाएगा निर्माण
रश्मि रोबोट को एक अविश्वसनीय और असाधारण उपलब्धि बताते हुए विशेषज्ञों ने कहा कि भारत में किसी भी हिंदी भाषी रोबोट का बनाना सुखद है। आइएसएम, धनबाद के डॉ. सोमनाथ ने इसे सोफिया के अपडेट वर्जन के रूप में उदृत किया। करीब 15 वर्षों से सॉफ्टवेयर डेवलप कर रहे रंजीत ने अगले दो माह में इसे पूरी तरह मानव आकृति देने का दावा किया। अभी रोबोट के सिर और शरीर सहित 80 फीसद तक विकसित किए गए हैं और वे ठीक से काम कर रहे हैं। श्रीवास्तव ने कहा कि हाथों और पैरों को जोड़ने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

संवदेनशील दोस्त बनने की है क्षमता
पूर्व में लोट्स सॉफ्टवेयर कंपनी चलाने वाले रंजीत ने कहा कि रश्मि चेहरे, आंख, होंठ और भौं के जरिये अपनी अभिव्यक्ति करती है। जरूरत के अनुसार यह रोबोट अपनी गर्दन को घूमा-फिरा भी सकता है। भारत जैसे आबादी बहुल देश में रोबोट की उपयोगिता के बारे में रंजीत ने कहा कि यह भविष्य की पीढ़ी की जरूरत है। यह रिसेप्शनिस्ट, सहायक, एकाकी लोगों और जरूरतमंदों के संवेदनशील मित्र के रूप में काम कर सकती है।

बदसूरत बोला तो रोबोट ने कहा-भाड़ में जाओ...
उन्होंने रश्मि रोबोट का प्रदर्शन कर दिखाया कि यह कुछ पूछने पर आखिर कैसे प्रतिक्रिया करती है और कैसा जवाब देती है। मसलन, रोबोट को कहा गया कि तुम बदसूरत हो तो रश्मि ने तपाक से जवाब दिया...नहीं, तुम भाड़ में जाओ। कहा गया कि आप सुंदर हैं, यह कहती है धन्यवाद।

अपने पसंदीदा अभिनेता के बारे में पूछे जाने पर रश्मि रोबोट ने शाहरुख खान का नाम लिया। श्रीवास्तव ने कहा कि अपनी आंखों में लगे कैमरों के कारण यह व्यक्ति विशेष को एकाध मुलाकात के बाद जानने-पहचानने भी लगती है।

सोफिया से प्रेरित होकर बोलनेवाले रोबोट बनाने की जिद ठानने वाले रंजीत ने कहा कि मैंने झारखंड सरकार के विभिन्न विभागों के लिए कई सॉफ्टवेयर विकसित किए हैं, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया। निबंधन, सूचना-जनसंपर्क और पर्यटन विभाग के लिए रंजीत ने पोर्टल बनाए हैं। टूरिज्म पोर्टल ने राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार भी जीता। उनके पिता टीपी श्रीवास्तव बीएसएनएल में एजीएम हैं। 


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