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    तीन दिवसीय धर्म संसद में राम मंदिर निर्माण पर होगा विचार

    By Abhishek Pratap SinghEdited By:
    Updated: Thu, 23 Nov 2017 07:05 PM (IST)

    शाही बाग में तुमकुरु के सिद्दगंगा मठ के शिवकुमार महास्वामी, रंभापुरी के वीरासोमेश्वर राजदेसिकेंद्र शिवाचार्य स्वामी धर्म संसद का उद्घाटन करेंगे।

    तीन दिवसीय धर्म संसद में राम मंदिर निर्माण पर होगा विचार

    उडुपी (कर्नाटक), प्रेट्र : शुक्रवार से शुरू होने जा रहे विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के धर्म संसद में राम मंदिर निर्माण, धर्मातरण पर रोक और गोरक्षा पर चर्चा होगी। आयोजकों ने गुरुवार को बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, श्रीश्री रवि शंकर और योग गुरु रामदेव भी आएंगे।

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    यहां के शाही बाग में तुमकुरु के सिद्दगंगा मठ के शिवकुमार महास्वामी, रंभापुरी के वीरासोमेश्वर राजदेसिकेंद्र शिवाचार्य स्वामी धर्म संसद का उद्घाटन करेंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत भी धर्म संसद को संबोधित करेंगे।

    रवि शंकर ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में मध्यस्थता की पेशकश की है। इसके लिए उन्होंने सभी पक्षों से बातचीत शुरू कर दी है। धर्म संसद में 2000 संत और मठों के प्रमुख हिस्सा लेंगे। इसके अलावा देश भर से विहिप के नेता इसमें भाग लेने के लिए पहुंच रहे हैं। धर्म संसद में जाति और लिंग के आधार पर होने वाले भेदभाव के मुद्दे पर भी चर्चा की जाएगी। हिंदू समाज में समन्वय सुनिश्चित करने के उपायों पर विचार किया जाएगा।

    स्वागत समिति के अध्यक्ष श्री विश्वेषा तीर्थ स्वामी ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, गोरक्षा, छूआछूत को समाप्त करना, समाज सुधार और धर्मातरण रोकने पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि धर्म संसद का राजनीति से कोई लेनादेना नहीं है। इसलिए शुद्ध रूप से हिंदू संतों के इस सम्मेलन में कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं होगा।

    धर्मस्थल धर्माधिकारी वीरेंद्र हेगड़े स्वागत समिति के उपाध्यक्ष हैं। मैसूर राजघराने के यदुवीर कृष्ण दत्त कामराज वोडेयार संरक्षक बनाए गए हैं। पूरे कस्बे की मुख्य सड़कों को भगवा ध्वज और झंडियों से सजाया गया है।

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