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    राज्यवर्धन सिंह ने कहा कि चीन का सिद्धांत है कि फूट डालो, पैसे डालो, तकनीक डालो और राज करो

    By Vinay TiwariEdited By:
    Updated: Wed, 24 Jun 2020 06:13 PM (IST)

    कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने चीन और पाकिस्तान को एक दूसरे का समर्थक बताया है। उनका कहना है कि दोनों देश मिलकर सामने वाले को बर्बाद करने का प्लान बन ...और पढ़ें

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    राज्यवर्धन सिंह ने कहा कि चीन का सिद्धांत है कि फूट डालो, पैसे डालो, तकनीक डालो और राज करो

    नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। यह पहला मौका नहीं है जब चीन जबरन भारत की जमीन को अपना बताने पर तुला है। इससे पहले भी वो ऐसे प्रयास कर चुका है। सीमा पर किसी तरह की रेखा न होने का वह काफी पहले से ही फायदा उठाता रहा है।

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    चीन ने तिब्बत पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया। इससे उसकी नीयत का साफ पता चल जाता है। इसके अलावा उसने पाकिस्तान की ओर से तोहफे में दिए गए अक्साई चीन के हिस्से पर भी कब्जा कर लिया। अब वो इसे अपना बताता है, जबकि वो उसके नक्शे में कहीं नहीं है।

    भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने अपने समर्थकों और प्रशंसकों के साथ फेसबुक लाइव पर बातचीत में कहा कि चीन में सब कुछ वहां की कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार के कब्जे में है। वो जो चाहते हैं, वही आम जनता और दूसरे देशों के सामने आती हैं। बाकी सब कुछ छिपा रहता है।

    नक्शे के माध्यम से उन्होंने विधिवत समझाया कि भारत ही नहीं, चीन की नजर अपने दूसरे पड़ोसी देशों की जमीन पर भी गड़ी हुई है। चीन के साथ नेपाल और भूटान की लगभग 3500 किमी की सीमा लगती है। इसमें नेपाल की सीमा 500 किमी और भूटान की सीमा 700 किलोमीटर की है। 

    उन्होंने बताया कि सियाचिन विश्व की सबसे ऊंची युद्ध भूमि है। यहां भारतीय सेना 20 हजार फीट की ऊंचाई पर रहती है। 1984 से यहां पर हमारा कब्जा है। यहां से गुलाम कश्मीर और चीन के भी कई इलाकों पर नजर रखी जाती है। सियाचिन पर कब्जा नहीं होता तो लद्दाख में मुश्किल आती।

    उन्होंने कहा कि चीन का सिद्धांत है कि फूट डालो, पैसे डालो, तकनीक डालो और राज करो। पाकिस्तान की युद्धनीति इससे अलग है। पाकिस्तान की युद्धनीति है कि दुश्मन को इतने घाव दे दो कि वह बिना बड़ा युद्ध लड़े हार जाए।

    उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान मिले हुए हैं। चीन का दर्शन पाकिस्तान से थोड़ा अलग है। चीन को जिस देश के खिलाफ साजिश रचनी होती है, पहले वह उसकी व्यवस्था और तंत्र को समझता हैं और जहां कमी दिखती है, वो वहां विवाद पैदा करने की कोशिश करता है। जिन देशों में मीडिया स्वतंत्र है, वहां घुसपैठ कर वह उसी देश के खिलाफ दुष्प्रचार करता है।

    इसके अलावा वह अपनी कंपनियों के जरिए भी दुश्मन देश में अव्यवस्था फैलाने का प्रयास करता है। उसकी कंपनियां सस्ते दाम पर सामान बेचती हैं। इसके बाद चीन उस देश में निवेश बढ़ाना शुरू करता है। तकनीक के जरिए भी वह साजिश रचता है। मोबाइल अप्लीकेशन के जरिए दूसरे देशों का डाटा चोरी करता है। 

    पूरा वीडियो देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: -  

    https://www.facebook.com/Rathore/videos/716770159087295/