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चीन को राजनाथ सिंह की दो टूक, बोले- जवान सीमा पर हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम

लद्दाख की तीन दिवसीय यात्रा पर पहुंचें राजनाथ सिंह की यात्रा का मकसद चीन के साथ लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद के बीच क्षेत्र में भारत की सैन्य तैयारियों का जायजा लेना है। रक्षा मंत्री ने यहां बीआरओ की 63 बुनियादी परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 28 Jun 2021 10:38 AM (IST)Updated: Mon, 28 Jun 2021 02:25 PM (IST)
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिवसीय दौरे पर लद्दाख में हैं।

नई दिल्ली, एजेंसियां। पूर्वी लद्दाख से चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि देश गलवन के शहीदों की कुर्बानी को हमेशा रखेगा। अपने लद्दाख दौरे के दूसरे दिन रक्षामंत्री ने चीन को  कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भारतीय सशस्त्र बल हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। रक्षा मंत्री ने यहां सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा निर्मित 63 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया। इस यात्रा का मकसद चीन के साथ लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद के बीच क्षेत्र में भारत की सैन्य तैयारियों का जायजा लेना है।

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एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि पड़ोसी देशों के साथ बातचीत के जरिए मुद्दों का समाधान निकालने का प्रयास किया जाना चाहिए, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि अगर कोई धमकी देने की कोशिश करता है तो भारत इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।

रक्षा मंत्री ने कहा कि लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद आतंकवाद की घटनाओं में कमी आई है। यहां निवेश लाने और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए केंद्र द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में राजनीतिक प्रक्रिया शुरू हो। पीएम पहले ही जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों से बात कर चुके हैं। वह जल्द ही लद्दाख के लोगों से भी बात करेंगे।

रविवार को लेह में रक्षा मंत्री ने लेह, कारगिल और लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद के निर्वाचित वरिष्ठ प्रतिनिधियों से बातचीत की। रक्षा मंत्री के साथ सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे भी थे और इस दौरान सिंह ने सशस्त्र बलों के पूर्व जवानों से भी मुलाकात की और उनके कल्याण तथा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने लद्दाख के उपराज्यपाल आर के माथुर से भी बातचीत की।

रक्षा मंत्री जमीनी हकीकत का जायजा लेने के लिए अधिक ऊंचाई वाले अड्डों पर और अनेक अहम स्थानों पर जाएंगे और वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा कर रहे सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाएंगे।  इस संवेदनशील इलाके में उनका दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है, जब लंबे समय से चले आ रहे सैन्य गतिरोध को दूर करने के लिए दो दिन पहले ही भारत और चीन के बीच नए दौर की बातचीत हुई है।


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