"हमारा रक्षा क्षेत्र रनवे पर है, जल्द करेगा टेक ऑफ"; INS विक्रांत पर नौसेना की बैठक में बोले राजनाथ सिंह
नौसैनिक कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करने से पहले राजनाथ सिंह ने सीडीएस जनरल अनिल चौहान नौसेना प्रमुख एडमिरल आर.हरि कुमार और अन्य नौसैनिक कमांडरों के साथ मेगा वारगेम देखा जिसमें आइएनएस विक्रांत कई जहाज और डेक पर तैनात रहने वाले बमवर्षक मिग-29के भी शामिल हुए। (Photo-Twitter)
ऑनबोर्ड आइएनएस विक्रांत, पीटीआई। भारत की बढ़ती नौसैनिक शक्ति के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अरब सागर में तैनात पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आइएनएस विक्रांत पर देश के सर्वोच्च नौसैनिक कमांडरों को संबोधित कर कहा कि रक्षा क्षेत्र देश की अर्थव्यस्था में भी सुधार लाएगा। साथ ही वह हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिवधियों को देखते हुए भारतीय नौसेना के एक बड़े युद्धकौशल के साक्षी बने।
हमारा रक्षा क्षेत्र रनवे पर है, वक्त आएगा जब टेक ऑफ करेगा: रक्षा मंत्री
नौसैनिक कमांडरों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में रक्षा मंत्री ने कहा कि नौसेना क्षेत्र में रक्षा चुनौतियों को देखते हुए भावी क्षमताओं के विकास पर कमांडरों को ध्यान देना होगा। उन्होंने बताया कि अगले 5-10 सालों में रक्षा क्षेत्र में सौ अरब डालर के आर्डर मिलने की उम्मीद है जिससे देश की अर्थव्यस्था में सुधार लाएगा। रक्षा क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी अहम साझीदार बनेगा। अभी हमारा रक्षा क्षेत्र रनवे पर है, पर वक्त आएगा जब टेक आफ करेगा और पूरे देश की अर्थव्यवस्था बदल जाएगी।
चुनौतियों से डटकर मुकाबला करने के लिए तैयार रहना होगा
रक्षा मंत्री ने सेना के सीमाओं पर मुस्तैदी से तैनात रहने और पूरे साहस और प्रतिबद्धता के साथ राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने की खासी प्रशंसा की है।
खासकर जब नौसेना को पता है कि भविष्य के युद्ध अप्रत्याशित होंगे और सशस्त्र सेनाओं को उभरती चुनौतियों से डटकर मुकाबला करने के लिए तैयार रहना होगा। गहरे समुद्र में 43 हजार टन का इस विशालकाय युद्धपोत के इस बेड़े में 20 से अधिक अग्रिम मोर्चे के जहाज, बमवर्षक विमान और पनडुब्बियां शामिल हैं।
मेगा वारगेम
रक्षा मंत्री ने 262 मीटर लंबे और 59 मीटर ऊंचे पोत के मुख्य संबोधन कक्ष में कहा कि उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं के साथ ही तटीय सीमा भी अत्यधिक महत्व की है।
यहां हर समय सतर्कता बरतने की जरूरत है। नौसैनिक कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करने से पहले राजनाथ सिंह ने सीडीएस जनरल अनिल चौहान, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर.हरि कुमार और अन्य नौसैनिक कमांडरों के साथ मेगा वारगेम देखा जिसमें आइएनएस विक्रांत, कई जहाज और डेक पर तैनात रहने वाले बमवर्षक मिग-29के भी शामिल हुए।
बता दें सम्मेलन में सैन्य-रणनीतिक स्तर पर नौसेना कमांडरों और वरिष्ठ अधिकारियों के बीच महत्वपूर्ण सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा हो रही है और भारत जहां यह सम्मेलन कर रहा है, उस जगह मौजूदा भू-रणनीतिक स्थिति के कारण इसका अपना महत्व और प्रासंगिकता बताई जा रही है। चीन की विस्तारवादी नीति के बीच नौसेना की युद्ध और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार तैयारी पर भी ये सम्मेलन केंद्रित है।