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    सर क्रीक में नापाक हरकत का ऐसा जवाब देंगे कि इतिहास-भूगोल बदल जाएगा, विजयदशमी पर रक्षा मंत्री की हुंकार

    Updated: Thu, 02 Oct 2025 10:00 PM (IST)

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भुज में भारत-पाकिस्तान सीमा पर सैनिकों के साथ विजयदशमी मनाई और शस्त्र पूजा की। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि सर क्रीक में किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए सेना के शौर्य की सराहना की। भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा करने में सक्षम है और आतंकवाद को हराने की क्षमता रखता है।

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    विजयदशमी पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की हुंकार

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को भुज में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास एक सैन्य बेस में सैनिकों के बीच विजयदशमी का त्योहार मनाया। उन्होंने शस्त्र पूजा की और साथ ही पाकिस्तान को चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि सर क्रीक क्षेत्र में पाकिस्तान के किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा और ये इस कदर घातक होगा कि इतिहास और भूगोल, सब बदल जाएगा।

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    राजनाथ ने ये चेतावनी भुज के आसपास विवादित क्षेत्र में पाकिस्तान के सैन्य ढांचे में हो रहे विस्तार को देखते हुए दी। उन्होंने कहा कि 1965 में भारतीय सेना ने लाहौर तक कब्जा करके अपने साहस का परिचय दे दिया है और 2025 में पाकिस्तान को याद रखना चाहिए कि कराची का रास्ता सर क्रीक से होकर जाता है।

    भुज में जवानों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आजादी के 78 साल बाद भी सर क्रीक क्षेत्र में सीमा विवाद को हवा दी जा रही है। भारत ने इसे बातचीत के जरिए सुलझाने की कई कोशिशें की हैं, लेकिन पाकिस्तान की नीयत में खोट है।

    जब चाहें, जहां चाहें पहुंचा सकते हैं नुकसान

    इस दौरान राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए सेना के शौर्य को सराहा। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारे सशस्त्र बलों ने यह साबित कर दिया कि भारत की संप्रभुता को चुनौती देने वाली ताकतें, चाहे वे कहीं भी छिपी हों, हमारे पास उन्हें ढूंढकर खत्म करने की ताकत है।

    दुनिया की कोई भी ताकत अगर वह हमारी संप्रभुता को चुनौती देती है, तो भारत को चुप नहीं बैठेगा। आज का भारत कहता है कि चाहे आतंकवाद हो या कोई अन्य समस्या, हम उससे निपटने और उसे हराने की क्षमता रखते हैं।

    उन्होंने कहा कि अपनी क्षमताओं के बावजूद हमने संयम बरता क्योंकि हमारी सैन्य कार्रवाई आतंकवाद के विरुद्ध थी। स्थिति को बढ़ाना और युद्ध छेड़ना ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य नहीं था।

    रामायण-महाभारत का दिया उदाहरण

    रक्षा मंत्री ने शस्त्र पूजन के दौरान कहा कि हम जब शस्त्र पूजन करते हैं तो ये प्रण करते हैं कि इस ताकत का इस्तेमाल केवल धर्म और न्याय की रक्षा के लिए करेंगे। भगवान राम ने अपने पूरे जीवन में इसे निभाया। रावण के साथ उनका युद्ध अपने लिए नहीं, बल्कि धर्म की स्थापना के लिए लड़ा गया था।

    राजनाथ ने कहा कि भगवान कृष्ण के मार्गदर्शन में लड़े गए महाभारत के युद्ध का उद्देश्य भी धर्म की रक्षा ही था, किसी की जीत या हार का नहीं। शस्त्र पूजन का संकेत यही है कि भारत शस्त्र की पूजा ही नहीं करता, बल्कि उनका उपयोग भी जानता है।

    पाक के ड्रोन गिराने वाली एल-70 गन भी देखी

    इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी के साथ एल-70 एयर डिफेंस गन का मुआयना किया, जिसने ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका निभाई थी। इससे एक मिनट में 300 राउंड फायर किया जा सकता है, जो 3500 मीटर (साढ़े तीन किलोमीटर) दूर लक्ष्य भेद सकती है। पाकिस्तानी ड्रोन मार गिराने में इसकी अहम भूमिका पाई गई है।

    रक्षामंत्री ने कहा कि तीनों सेनाओं की एकजुटता से ऑपरेशन सिंदूर को रिकार्ड समय में पूरा कर लिया गया। उन्होंने तीनों सेनाओं को देश की ताकत का तीन स्तंभ बताया। उन्होंने मां दुर्गा का उदाहरण देते हुए कहा कि जब समस्त शक्तियां एक हो जाती हैं, तो राक्षसों का विनाश संभव है।

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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