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Rajiv Gandhi Assassination: जेल से बाहर आया राजीव गांधी का हत्यारा पेरारिवलन, बोला- अब खुली हवा में सांस लूंगा

Rajiv Gandhi Assassination रिहाई के आदेश के कुछ घंटे बाद एजी पेरारिवलन ने कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास था कि मुझे मृत्युदंड देने की कोई आवश्यकता नहीं है। उसने कहा कि मैं अब भविष्य का न सोचकर सबसे पहले खुली हवा में सांस लूंगा।

By Mahen KhannaEdited By: Published: Wed, 18 May 2022 02:08 PM (IST)Updated: Wed, 18 May 2022 02:08 PM (IST)
Rajiv Gandhi Assassination: जेल से बाहर आया राजीव गांधी का हत्यारा पेरारिवलन, बोला- अब खुली हवा में सांस लूंगा
राजीव गांधी के हत्यारा को मिली रिहाई।

जोलारपेट्टई, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज राजीव गांधी के 7 हत्यारों में से एक ए.जी पेरारिवलन को रिहा कर दिया गया है। रिहाई के आदेश के कुछ घंटे बाद एजी पेरारिवलन ने का भी बयान सामने आया है। उसने कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास था कि मुझे मृत्युदंड देने की कोई आवश्यकता नहीं है। पेरारिवलन से भविष्य के बारे में पूछे जाने पर उसने कहा कि मैं आगे का सोचने से पहले अब खुली हवा में सांस लूंगा। पेरारिवलन ने कहा, "मैं अभी बाहर आया हूं। कानूनी लड़ाई को 31 साल हो गए हैं। मुझे थोड़ी सांस लेनी है। मुझे कुछ समय दें।"

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एम के स्टालिन बोले-इतिहास का सबसे अलग फैसला

इस मामले में फैसले का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा कि इसे "न्याय के इतिहास" में अलग देखा जाएगा। राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी पेरारिवलन को रिहा करने के शीर्ष अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने के तुरंत बाद, रिश्तेदार उसके आवास पर पहुंचने लगे हैं। पेरारिवलन ने भी मां को मिठाई खिलाई और उन सभी का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने उनका साथ दिया। वहीं उनकी बहन भी इस दौरान भावुक दिखीं और उनकी रिहाई पर खुशी व्यक्त करते हुए पेरारिवलन को गले लगाया। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एजी पेरारिवलन की रिहाई पर अपनी मां अर्पुथम्मल को फोन पर अपनी खुशी से अवगत कराया। अर्पुथम्मल का कहना है कि उनका परिवार और वह सीएम से मिलने आ रही हैं। 

एजी पेरारीवलन पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे दोषियों में से एक है

तमिल समर्थकों ने सड़कों पर मनाया जश्न

फैसले के तुरंत बाद तमिल समर्थक संगठनों के कार्यकर्ता राज्य के कई हिस्सों में सड़कों पर उतर आए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए नारे लगाए और पेरारिवलन और छह अन्य को रिहा करने की 2018 की कैबिनेट की सिफारिश पर राज्यपाल की निष्क्रियता की निंदा की। बता दें कि वर्तमान में जमानत पर चल रहे पेरारिवलन को राज्य सरकार पहले भी कई मौकों पर पैरोल दे चुकी थी। मामले में उम्रकैद की सजा पाने वाले अन्य लोगों में मुरुगन, संथान, जयकुमार, रॉबर्ट पायस, जयचंद्रन और नलिनी शामिल हैं।

भाकपा और AIADMK ने भी किया फैसले का स्वागत

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई ने भी कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। वहीं भाकपा महासचिव डी राजा ने कहा कि वह यह चाहते थे कि राज्यपाल संविधान के अनुसार कार्य करें और कहा कि फैसले ने राज्यपाल पर भी कई सवाल उठाए हैं।

AIADMK सांसद पी रवींद्रनाथ ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई है। बता दें कि के पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली अन्नाद्रमुक कैबिनेट ने 2018 में तत्कालीन राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से राजीव गांधी की हत्या के सभी सात दोषियों की रिहाई की सिफारिश की थी, जिन्हें 1991 में तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी बैठक में लिट्टे के एक आत्मघाती हमलावर ने मार दिया था।

यह है पूरा मामला

बता दें कि ए.जी. पेरारिवलन को 11 जून 1991 को पेरियार थिडल (चेन्नई) में केंद्रीय जांच ब्यूरो के अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था। उस पर राजीव गांधी के हत्या के साजिशकर्ता शिवरासन को विस्फोटक उपकरण उपलब्ध कराने का आरोप लगा था। इस मामले में ए.जी. पेरारिवलन को फांसी की सजा सुनाई गई थी।


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